भाई परमानंद ने स्वतंत्रता के लिए लोगों में प्राण फूंका -आदित्यनारायण गिरि*

बस्ती 4नवम्बर।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भाई परमानंद जी जिनके तीखे, तार्किक, ओजस्वी, आलोचनात्मक एवं भावपूर्ण लेखों और भाषणों से अंग्रेज सरकार थरथराती थी उन्होंने स्वतंत्रता के लिए लोगों में प्राण फूंका। आज भाई परमानन्द की जयंती पर स्वामी दयानन्द विद्यालय के बच्चों को सम्बोधित करते हुए प्रधानाध्यापक आदित्य नारायण गिरि ने बताया कि

भाई परमानन्द जी महर्षि दयानंद सरस्वती के अनन्य भक्त और आर्य समाज के प्रचारक थे, वे एक उच्च कोटि के लेखक, चिंतक, भारतीय सस्कृति के प्रकांड विद्वान, इतिहासकार, साहित्यकार, क्रांतिकारी और प्रसिद्ध शिक्षाविद थे, उन्होँने वैश्विक स्तर पर ख्याति अर्जित की थी । शिक्षक अनूप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि माँ भारती की स्वतंत्रता की बलिवेदी पर शहीद होने वालों में  शहीद सरदार भगत सिंह, सुखदेव, रामप्रसाद बिस्मिल और करतार सिंह जैसे अनेक राष्ट्रभक्त युवकों ने इनसे प्रेरणा पाई थी । भाई परमानंद भी उन्हीं षड्यंत्रों के शिकार हुए थे जिन षड्यंत्रों के शिकार स्वातंत्र्य सेनानी वीर दामोदर सावरकरजी, डॉ. हेडगेवारजी, लाला हरदयाल, सरदार भगतसिंह और सरदार करतारसिंह आदि जैसे महान देशभक्तों को होना पड़ा था । किन्तु अनेकों विषम परिस्थितियों के बीच भी भाई परमानन्द जी ने अपनी कृतियों द्वारा ऐसी तो आग जलाई थी जिसकी ज्वाला आज भी उनके प्रसिद्ध पुस्तकों में दिखाई देती है । उनका साहित्य प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक, मार्ग दर्शक और अनुकरणीय है । देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे गौरवशाली वीर देशभक्तों को देश और देश के युवाओं ने भुला दिया है । इस अवसर पर विद्यालय के बच्चे और शिक्षक सम्मिलित रहे।
गरुण ध्वज पाण्डेय

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