बस्ती। इतने पुराने केस में न्यायालय के बार-बार आदेश के बावजूद अमर माणि का कोर्ट में पेश न होना उनके लिए मुश्किलें बढ़ गई है एमपी-एमएलए कोर्ट ने अपहरण मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया। 22 साल पुराने केस कोर्ट ने एसपी बस्ती को पूर्वमंत्री अमरमणि त्रिपाठी को फारार घोषित कर दिया गया है। कोर्ट सीआरपीसी 82 के तहत कुर्की का आदेश दिया है। आरोपी अमरमणि के फरारी का इश्तहार स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित कराने का आदेश एसएचओ कोतवाली को दिया गया है। इसकी प्रति अगली तारीख 16 नवंबर 23 को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। इस मामले में अब तक पुलिस की कार्रवाई की जो दलील दी गई उसमें कहा गया कि अमरमणि के तलाश में उनके मिलने वाले संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई मगर वह पकड़ में नहीं आए। कोर्ट में पेश इस दलील को न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने जनपद पुलिस के मुखिया एसपी बस्ती पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की है और कहा कि उनकी कार्यप्रणाली इस केस में आपत्तिजनक है। आदेश में कहा कि गरीब अपराधी के मामले में स्थानीय इलाका पूरी तत्परता से अपेछा से अधिक पैरवी करता है। जबकि प्रभावशाली दुर्दांत अपराधियों के मामले में पुलिस किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाती है। पूर्व में 16 अक्टूबर 23 की पूर्व तिथि में भी अमरमणि को अरेस्ट कर न्यायालय में उपस्थित किए जाने का आदेश पारित किया गया था। गौरतलब है कि कोर्ट के आदेश की एक-एक प्रति प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी यूपी को भी भेजने को आदेशित किया है। गौरतलब है कि इस मामले वरिष्ठ जेल अधीक्षक जिला कारागार गोरखपुर से प्राप्त आख्या से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश शासन कारागार प्रशासन ने अमरमणि को 25 अगस्त 23 को कारागार से रिहा कर दिया गया है। बावजूद वह तारीख पर कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। आरोपी अमरमणि के खिलाफ गैर जमानती वारंट पहले ही जारी किया जा चुका है। एसपी बस्ती को स्पेशल टीम बनाकर अमरमणि की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। इससे पूर्व 16 सितंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि डिप्रेशन के आधार पर अमरमणि को कोर्ट में पेशी से छूट नहीं मिलेगी।
आपको बताते चलें कि छह दिसंबर वर्ष 2001 में बस्ती कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर के धर्मराज गुप्ता का बेटा किडनैप हो गया था। तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से पुलिस ने धर्मराज के बेटे को बरामद किया था। इस मामले में पूर्व विधायक समेत नौ लोग आरोपित हैं। इनमें पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी, नैनीश शर्मा व शिवम उर्फ रामयज्ञ कोर्ट से गैरहाजिर चल रहे हैं। जिससे मुकदमें की कार्यवाई लंबित है।
नहीं चलेगा बीमारी का बहाना
बीमारी का बहाना बनाकर पेश नहीं हो रहे अमरमणि
अपहरण में अमरमणि त्रिपाठी सहित तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद लगातार उन्हें समन पर समन न्यायालय द्वारा भेजा जा रहा है, लेकिन अमरमणि बीमारी का बहाना बनाकर कोर्ट में पेश नहीं हुए. जिसके चलते बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के जज ने उनके खिलाफ सख्त रूख अपनाया। इस प्रकार का रवैया ठीक नहीं है इसलिए सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसमें कुर्की भी हो सकती है।