गोरखपुर:: दिनांक 25.10.023 को गोरखपुर के
कविवर स्व. कामता प्रसाद “रसबिंदू” जी की 40 वीं पुण्यतिथि पुराना गोरखपुर में मनाई गई।
इस अवसर पर उनकी सुपुत्री वरिष्ठ कवयित्री/शिक्षिका प्रेमलता “रसबिंदू” और सुपुत्र सुरेंद्र कुमार “रसबिंदू” के साथ वरिष्ठ कवि चंद्रगुप्त वर्मा ‘अकिंचन’, भागीरथी साहित्यिक मंच के संस्थापक सत्य नारायण “पथिक”, सहित अनेक साहित्यिक विभूतियों ने रसबिंदू जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर अनेक साहित्यिक विभूतियों डा. अर्चना श्रेया, सतीश शिकारी, डा. राजीव रंजन मिश्र, सरिता सिंह, कुंदन वर्मा ‘पूरब’ के अलावा अमर सिंह पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती उर्मिला चण्डयोक और स्टाफ की शिक्षक/शिक्षिकाओं सहित अनेक लोगों ने अपने श्रद्धा सुमन संदेश प्रेषित किया है।
ज्ञातव्य है कि 01जनवरी 1915, बड़हलगंज, गोरखपुर में जन्मे पंडित रामधन जी के सुपुत्र सम्प्रति- रेलकर्मी (पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर) स्व. कामता प्रसाद रसबिंदू जी को उनके साहित्यिक अवदान के लिए “रसविंदु” की उपाधि निराला जी ने दी थी। आपकी प्रसिद्ध पुस्तकें हैं -राणाशक्ति मिलन,रणदुदंभि, शंखध्वनि,ज्वाला आदि हैं। स्व. रसविंदू जी गोरखपुर के प्रसिद्ध कवियों में से एक थे।