स्वतंत्र लेखन मंच पर शारदीय नवरात्रों का भव्य समापन हुआ

स्वतंत्र लेखन मंच अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। यह एक सक्रिय साहित्यिक मंच है जो हमारी राज भाषा हिंदी को व्यापक बनाने व सुरक्षित रखने के खास मकसद व साहित्य के संवर्धन के लिए पिछले डेढ़ साल से कार्य कर रहा है।

इस मंच के संस्थापक सरल सौम्य डाॅ. विनोद वर्मा दुर्गेश के मार्ग दर्शन में इस मंच की संयोजिका; संचालिका, अध्यक्षा डाॅ. दवीना अमर ठकराल को इस साहित्यिक मंच की रीढ़ की हड्डी कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

स्वतंत्र लेखन मंच पर 15 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रों का भव्य आगाज हुआ जिस में सुबह और शाम दो पारी में एक-एक घंटे का लाइव काव्य पाठ रखा गया जिसमें प्रातः काल की पारी में अंकित रावत, अलका जैन आनंदी, डॉ पूनम सिंह, संजीव भटनागर, कुसुम लता, सुमन किमोठी, फूलचंद्र विश्व कर्मा, अनु तोमर, अनूपा कुमेडी ने लाइव आकर मां की महिमा का गुणगान किया। सांयकाल की पारी में अनीता काला, अमिता गुप्ता नव्या, नीतू रवि गर्ग, रंजना बिनानी ,मीरा कनौजिया, नीरजा शर्मा अशोक दोशी, संतोषी किमोठी वशिष्ठ, आशा बुटोला ने मां का गुणगान किया।
हर सुबह मां की महिमा का गुणगान करने मंच की अध्यक्षा डाॅ. दवीना अमर ठकराल जी विधिवत रूप से परिधान धारण कर हर रोज उपस्थित होती रही। समापन डाॅ. अनीता राजपाल ने किया। मंच के संस्थापक एवं अध्यक्ष डाॅ. विनोद वर्मा दुर्गेश ने सभी का इतने भव्य कार्यक्रम के लिए सबको धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा स्वतंत्र लेखन मंच पर ऐसे आयोजन प्रेरणादायक और अनुकरणीय होते हैं।

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