आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी साहित्य जगत के जगमगाते सितारे थे-अनुराग कुमार श्रीवास्तव

बस्ती –  हिन्दी साहित्य के समालोचना सम्राट आचार्य पं0 रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी साहित्य जगत के जगमगाते सितारे थे उनके द्धारा सामंतवादी व्यवस्था के विरोध के साथ ही साथ समाज की अनेक कुरीतियो पर भी प्रहार किया गय था।

    बुधवार को यह विचार पत्रकार अनुराग कुमार श्रीवास्तव ने उनके जन्मदिवस पर सिविल लाइन्स स्थित उनकी प्रमिता पर माल्यार्पण करने के बाद सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी साहित्य जगत के जगमगाते सितारे थे अपनी साहित्यीक यात्रा की शुरूआत अग्रेंजी भाषा से किया था। बाद मे वे हिन्दी भाषा मे लिखने लगे उन्होंने देश मे जनजागृति पैदा किया और हिन्दी साहित्य जगत के इतिहास को मूर्ति रूप प्रदान किया। आचार्य रामचंद्र शुक्ल बीसवीं शताब्दी के हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार हैं। उनका जन्म बस्ती, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनके द्वारा लिखी गई, सर्वाधिक महत्वपूर्ण पुस्तक है हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है।

विशाल पाण्डेय ने कहा कि जनपद बस्ती का यह सौभाग्य की हिंदी साहित्य शिरोमणि आचार्य रामचंद्र शुक्ल की धरती है आज देश-विदेश में भी बस्ती जनपद का नाम बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाता है आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी के इतिहास को व्यवस्थित और वैज्ञानिक स्वरूप प्रदान किया। बस्ती जनपद के युवाओं को उनसे प्रेरणा लेकर साहित्य जगत में सराहनीय कार्य करना चाहिए। साहित्य के बिना समाज अधूरा है। आज उनकी जन्मतिथि पर हम लोग उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।

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