कई दिनों से भाजपा के गलियारे में चल रही चर्चा आज थम गई। जिलाध्यक्ष की सूची आते ही सोशल मीडिया पर विवेकानंद मिश्र को बधाई देने वालो का तांता लग गया।
सांसद हरीश द्विवेदी, जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल, विधायक अजय सिंह, अनिल दुबे, दिवाकर मिश्र, अमृत कुमार वर्मा, नितेश शर्मा, भानु प्रकाश मिश्र, अभिनव उपाध्याय, रोली सिंह, दिलीप पाण्डेय, अभिषेक सिंह, अवनीश सिंह, अखिलेश शुक्ल, पंकज श्रीवास्तव, राजन ठाकुर, रवि चंद्र पाण्डेय, राम भद्र शुक्ल, सुखराम गौड़ सहित तमाम कार्यकर्ताओ ने बधाई दी।
विवेकानंद मिश्र का राजनैतिक जीवन परिचय
बस्ती जनपद के गोटवा तिलकपुर के रहने वाले विवेकानंद मिश्र के पिता सेवानिवृत्त शिक्षा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित थे।
एम ए, बी एड, नेट पास आउट गोटवा इंटर कालेज में प्रवक्ता है।
1998 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संपर्क में आने के बाद 1999 से 2000 तक प्रयागराज में विश्व विद्यालय इकाई प्रमुख रहे। 2001 से 2002 तक महानगर सहमंत्री, 2002 से 2003 तक महानगर मंत्री, 2006 से 2010 तक बस्ती में जिला प्रमुख रहे। 2010 से 2012 तक भाजपा युवा मोर्चा में बस्ती सिद्धार्थनगर व संतकबीर नगर के विभाग संयोजक के साथ ही सिद्धार्थनगर के जिला प्रभारी भी रहे। 2012 में भारतीय जनता पार्टी के जिला सदस्यता प्रमुख बनाये गए। 2013 से 2016 तक जिला उपाध्यक्ष व 2016 से अब तक 2 बार भाजपा के जिला महामंत्री रहे। विवेकानन्द भाजपा के पुराने और जमीनी कार्यकर्ता हैं। चुनाव में नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाने में कुशल माने जाने वाले विवेकानंद को अध्यक्ष बनाये जाने से उन पुराने कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
विवेकानद मिश्र ने कहाँ नए एवं पुराने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने का रास्ता और बेहतर समन्वय स्थापित कर पार्टी को सफलताएं दिलाऊंगा।
कई थे दावेदार ,जबरदस्त थी लड़ाई
बस्ती भाजपा का जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में कई चेहरे शुरुआती दौर से ही शामिल थे। हालांकि बाद में नाम शार्ट लिस्ट होते गए और दावेदारों की संख्या भी घट गई लेकिन एक वक्त ऐसा दौर भी आया जब इस प्रतिष्ठा पूर्ण पद के लिए घमासान इस कदर हुआ कि बस्ती पर फैसला ही रोकना पड़ गया। बस्ती में जब जिलाध्यक्षी की दावेदारी शुरू हुई तो महेश शुक्ल, विवेकानन्द मिश्र, अभय पाल, प्रमोद पाण्डेय, दिवाकर मिश्र, राजेश पाल चौधरी, अमृत कुमार वर्मा के नामों पर चर्चा तेज़ थी।