अनुराग लक्ष्य, 10 सितंबर
सलीम बस्तवी अज़ीज़ ,
मुंबई संवाददाता ।
कहते हैं कि इंसान की मेहनत, लगन और निष्ठा एक न एक दिन जरूर रंग लाती है। छेत्र कोई भी हो, अगर इंसान के अंदर कुछ कर गुजरने की चाहत और हिम्मत के साथ भरपूर जोश है तो उसे उसकी मंज़िल पाने से कोई नहीं रोक सकता। यही हुआ एक साधारण से कार्यकर्ता के रूप में अपनी शुरुआत करने वाले श्री गुलाब चंद्र कटारिया आज असम के राज्यपाल के रूप में मुंबई की सरजमीन पर पहली बार राजकीय दौरे पर मरीन लाइंस के हिंदी विद्देया भवन के सभागार में उपस्थित थे। जिनका नागरिक अभिनंदन मेवाड़ मित्र मंडल द्वारा कार्यक्रम के संयोजक नवल सिंह सुराड़ा के देख रेख में किया गया।
अपने संजीदगी भरे लहजे में श्री कटारिया ने मुंबई के परवासियों के साथ अपने रिश्तों की बात को ताजा करते हुए कहा कि मैं मुंबई वासियों से पिछले पचास वर्षों से जुड़ा हूं। चुनाव लडने के दौरान जिन लोगों ने मेरी आर्थिक मदद करके मुझे शक्ति और संबल प्रदान किया है, में उन्हें कभी नहीं भूल सकता। साथ ही नवल सिंह सुराणा का प्रेम और स्नेह मुझे हमेशा याद रहेगा। में उनके इस प्रेम और आदर का हमेशा याद करूंगा। आज आपके सहयोग, प्यार और सम्मान की वजह से मुझे यह राज्यपाल का पद मिला है। मैं आजीवन आपके साथ रहूंगा। उन्होंने आगे कहा कि पद तो आते और जाते रहते हैं लेकिन हमारा और आपका संबंध हमेशा जीवित रहेगा।
कार्यक्रम के संयोजक भाजपा जिला उपाध्यक्ष दक्षिण मुंबई नवल सिंह सुराणा ने कहा कि मुंबई के परवासियों के लिए किए गए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज इस सुनहरे शुभ अवसर पर राज्यपाल के रूप में आपका सोवागत करके मुझे अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है।
कार्यक्रम का संचालन बाबूलाल बाफना ने किया ।
इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने अपनी भागीदारी से कार्यक्रम को भब्वेता परदान की। इस अवसर पर सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने श्री कटारिया को अपनी शुभकामनाएं दीं, तथा आज राज्यपाल के रूप में श्री कटारिया का नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित कर परवासी समाज काफी उत्साहित दिखाई दिया। जिसका सारा श्रेय नवल सिंह सुराणा को जाता है।