अनुराग लक्ष्य, 30 अगस्त ।
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,
मुंबई संवाददाता ।
,,, हर एक मुल्क अब भारत से खौफ खाता है
हमारी इसरो की हिम्मत से खौफ खाता है
सुना है मैने वोह जो रहनुमा है दुनिया का
हमारी ऐटमी ताकत से खौफ खाता है,,,,
आज इस समाचार को लिखने के पहले मैंने अपने उपरोक्त शेर का सहारा इस लिए लिया, ताकि दुनिया को यह पता चले कि हमारे मुल्क के वैज्ञानिकों का इस देश में क्या योगदान है और दूसरी तरफ हमारे राजनीतिज्ञों की भी सोच को जनता के सामने उजागर कर सकूं।
अभी आपने हाल में ही टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से चंद्रयान की सफलता को बखूबी इंज्वॉय किया होगा। अब समाचार यह है कि अभी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित इसरो के कमांड सेंटर में भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यह ऐलान किया कि जिस जगह चंद्रयान 3 का लैंडर उतरा, उस जगह का नाम ,शिव शक्ति, होगा। अब इस खबर के विपरीत शिव सेना / उद्धव बाला साहब ठाकरे / और संजय रावत की तरफ से यह खबर आई कि उस जगह का नाम विक्रम सारा भाई के नाम पर होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा की हम भी हिंदुत्व के पैरोकार हैं लेकिन साइंस और वैज्ञानिकों की छवि पर किसी धर्म का आवरण नहीं चढ़ना चाहिए। आज सारा भाई और नेहरू की वजह से हम चांद पर पहुंचे। शिव सेना नेता ने कहा कि विक्रम सारा भाई को , भारत रत्न, देना चाहिए था। हम भी हिंदुत्व के अनुयाई हैं लेकिन कुछ चीजों को धर्म से ऊपर उठकर देखना चाहिए, साइंस के ऊपर किसी भी धर्म का लेबल नहीं लगना चाहिए।
बहरहाल देश की जनता तो चंद्रयान 3 की सफलता का जश्न पूरे जोश ओ खरोश के साथ माना रही है। उसे इन राजनैतिक बयानबाजी से क्या लेना देना है। यह आने वाला समय तय करेगा कि हमारा चंद्रयान जिस जगह उतरकर देश के तिरंगे को लहराया, उस जगह का क्या नाम होना चाहिए।