रिपोर्ट कालिंदी तिवारी संतकबीरनगर
संत कबीर नगर – कृषि विज्ञान केंद्र बगही द्वारा 18वाँ राष्ट्रीय गाजर घास जागरूकता सप्ताह 16 से 22 अगस्त 2023 को मनाया जा रहा हैं। जो आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के अधीन संचालित है! उक्त अभियान के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा संत रतन शंकर इंटर कॉलेज बगही के बच्चों को केंद्र पर जागरूकता कार्यक्रम में सम्मलित किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि गाजरघास में विनाशक गुण है और हर जलवायु मौसम में बढ़ने, फूलने, फलने तथा पकने की क्षमता, बीज का तुरंत जमाव इसकी खतरनाक खरपतवार की विशिष्टता है जिससे इसका अनवरत फैलाव फसलों एवम् पर्यावरण को भी हानि पहुंचा है। डॉ राघवेंद्र विक्रम सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि प्रसार ने बताया कि गाजर घास को नष्ट करने के लिए मैक्सिकन बीटल, जाइगोग्रामा का संरक्षण व संवर्धन करें एवं इसके अलावा किसान भाई इसके अर्क से नाइट्रोजन युक्त तरल प्राप्त करके 2% की दर से की फसल पर छिड़काव करने से फसल में नाइट्रोजन की पूर्ति होती है, तथा इसके बच्चे हुए अवशेष को अपने मृदा में मिलाकर के कार्बन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है! केंद्र के वैज्ञानक डॉ तरुण कुमार ने बताया कि फूल आने के पहले गाजरघास को खेत में मिलाने व कम्पोस्ट बना कर हम अपने खेत की उपजाऊपन को बढ़ा सकते हैं! डॉ देवेश ने बताया कि इसके परागकणों से मनुष्यों में होने वाली दमा जैसी जानलेवा बीमारी, त्वचा स्पर्श से शरीर में एलर्जी होती है। डॉ संदीप सिंह कश्यप ने बताया कि गाजर घास गांव में पशुशाला एवं घरों के आस पास की जगहों पर उग जाते हैं जो फसलों के साथ मिट्टी को भी खराब करते हैं, तथा कहा कि गाजरघास का समूल नाश बहुत ही जरूरी है। विद्यालय के बच्चों को भी गाजरघास के विषय में जागरूक किया गया ।