सांस्कृतिक विरासतों का संरक्षण महत्वपूर्ण दायित्व : प्रो सुनीता तिवारी

ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी : डॉ कृष्ण मोहन दुबे

बस्ती ( अनुराग लक्ष्य न्यूज ) विश्व विरासत सप्ताह (19-25 नवम्बर) के अवसर पर आज महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बस्ती में क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई, गोरखपुर एवं प्राचीन इतिहास पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ” *भविष्य की प्रेरणा हेतु धरोहर का संरक्षण विषयक – छाया चित्र प्रदर्शनी एवं व्याख्यान “*

का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 सुनीता तिवारी,मुख्य अतिथि डॉ कृष्ण मोहन दुबे, विशिष्ट अतिथि डॉ मनोज मिश्रा द्वारा संयुक्त रूप से सरस्वती माँ की प्रतिमा पर पुष्पार्जन एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया ।

तत्पश्चात प्राचार्या प्रो सुनीता तिवारी ने अपना अध्यक्षीय स्वागत भाषण में कहा कि विविधता में एकता भारतीय सांस्कृति की विशेषता है,इसलिए सांस्कृतिक विरासतों का संरक्षण हम सभी का महत्वपूर्ण दायित्व है। इस अवसर पर आयोजित व्याख्यान का विषय प्रवर्तन विशिष्ट अधिकारी डॉ मनोज मिश्रा, सहायक आचार्य, हीरा लाल स्नातकोत्तर, महाविद्यालय, संतकबीरनगर ने किया । मुख्य अतिथि डॉ कृष्ण मोहन दूबे, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी, गोरखपुर , द्वारा भारतीय पुरातत्व विरासत के संरक्षण जागरूकता हेतु व्याख्यान दिया गया। व्याख्यान के दौरान क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉक्टर कृष्ण मोहन दुबे ने विश्व धरोहर सप्ताह के संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए विरासत तथा उसके संरक्षण के अनिवार्य महत्व पर विशेष बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे पूर्वजों द्वारा हमें सौंपी गई सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण, संवर्धन तथा सुरक्षित हस्तांतरण हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है।

तत्पश्चात महाविद्यालय में छाया चित्र वीथिका का प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शनी में प्रस्तुत चित्रों का निर्माण उच्च पुरापाषाण काल से लेकर आधुनिक काल तक की दीर्घ ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाता है। इसमें जौनपुर स्थित पत्थर का शेर, सोनिक उत्खनित स्थल तथा लखनऊ जनपद के प्रसिद्ध उत्खननित पुरास्थल हुलास खेड़ा के दृश्य विशेष रूप से शामिल किए गए।

चंदौली जनपद के मल्हर पुरास्थल से प्राप्त लोहे के प्राचीनतम साक्ष्य, जिनकी तिथि लगभग 1800 ईसा पूर्व मानी गई है, भी आकर्षण का केंद्र रहे।

इसके अतिरिक्त महाराजगंज के राजधानी पुरास्थल के उत्खनन दृश्यों, बटेश्वर के मंदिर समूह, चुनार किले, दिगारा की गढ़ी, टिकैत राय का शिव मंदिर, बिठूर, तथा मथुरा जनपद के महावन में स्थित ताज बीबी एवं रसखान की समाधि के चित्र भी प्रदर्शित किए गए। साथ ही लखनऊ के कैसरबाग क्षेत्र में स्थित छतर मंजिल एवं फरहत बख्श कोठी, तथा कुसुम मानसरोवर, गोवर्धन और मथुरा के अन्य ऐतिहासिक स्थलों के दृश्य भी दर्शकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराते रहे।

कार्यक्रम का मार्ग दर्शन महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो0 सुनीता तिवारी ने किया एवं कार्यक्रम संयोजक प्राचीन इतिहास विभाग की डॉ रुचि श्रीवास्तव, डॉ नूतन यादव, डॉ सुधा त्रिपाठी रहीं।

कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं के अतिरिक्त बस्ती जनपद के शिवहर्ष किसान पी0जी0 कॉलेज एवं ए0 पी0 एन0 पी0जी0 कॉलेज की छात्राओं ने भी प्रतिभग किया।

कार्यक्रम का संचालन एवं विषय प्रवर्तन डॉ0 नूतन यादव द्वारा एवं

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्रख्यात समाजशास्त्री डॉक्टर रघुवर पाण्डेय द्वारा किया गया।

इस अवसर पर डॉ सीमा सिंह,डॉ वीना सिंह, डॉ०स्मिता सिंह, डॉ सुहासिनी सिंह, श्रीमती प्रियंका सिंह, श्रीमती नेहा परवीन, श्री दुर्गेश गुप्ता, ए पी एन पी जी कॉलेज बस्ती के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ बलराम चौधरी,रचना शुक्ला,पूनम यादव , गिरिजा नंद राव, सूर्या उपाध्याय एवं समस्त शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं महाविद्यालय की छात्राएं उपस्थित रहीं।