लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में दुग्ध विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नन्द बाबा पुरस्कार के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 58 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस संबंध में दुग्ध विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है।जारी शासनादेश में दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग निर्धारित प्रयोजन के अंतर्गत ही किया जाए तथा आहरण केवल आवश्यकता अनुसार ही किया जाए। धनराशि के व्यय में सभी वित्तीय नियमों और शासनादेशों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में दुग्ध विकास कार्यक्रम के तहत भारतीय गोवंश की गायों से अधिकतम दुग्ध उत्पादन करने वाले कृषकों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए नन्द बाबा पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार उन दुग्ध उत्पादकों को प्रदान किया जाता है जो दुग्ध विकास विभाग के अधीन कार्यरत दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों से संबद्ध समितियों के सदस्य होते हैं और जो समिति के माध्यम से वर्ष में कम से कम 1500 सत्रुतियों के आधार पर दूध आपूर्ति करते हैं।पुरस्कार के तहत विकास खंड स्तर पर 5100 रुपये, जनपद स्तर पर 21000 रुपये और राज्य स्तर पर 51000 रुपये की धनराशि के साथ पीतल की धातु से निर्मित एक शील्ड प्रदान की जाती है। इस शील्ड पर भारतीय गोवंश की गाय, बछड़े और नन्द बाबा की प्रतिमा अंकित होती है तथा पुरस्कार प्राप्तकर्ता को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाता है।
सरकार का यह निर्णय न केवल भारतीय नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्द्धन को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में दुग्ध उत्पादकों की भूमिका को भी और सशक्त बनाएगा।