माता-पिता/ सास-ससुर की स्मृतियों को जीवंत रखने के उद्देश्य से अंजू श्रीवास्तव/ सुधीर श्रीवास्तव द्वारा स्थापित ‘विमला ज्ञान साहित्य मंच’ की तृतीय आभासी काव्य गोष्ठी का ‘नवरात्रि’ विषयक आयोजन 28 सितंबर ‘2025 को किया गया। गोष्ठी अपराह्न 03 बजे से शाम लगभग 06 बजे तक निरंतर गतिमान रहकर भव्यता के साथ संपन्न हुई।
काव्यगोष्ठी का शुभारंभ कवयित्री कंचन योगेन्द्र अग्रवाल की वाणी वंदना से हुआ। तत्पश्चात मंच संरक्षक डा. सुधीर श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में मंच के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विमला ज्ञान साहित्य मंच संस्थापिका अंजू श्रीवास्तव ने अपने माता-पिता तुल्य सास ससुर की स्मृतियों को सहेजने के उद्देश्य से किया किया। मार्गदर्शक डा. ओम ऋषि भारद्वाज ने अपने संबोधन में आयोजन में शामिल सभी सम्मानित मनीषियों का स्वागत उद्बोधन दिया। संयोजिका डा. निधी बोथरा जैन ने आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि मंच आभासी काव्य गोष्ठी के अलावा विशिष्ट विभूतियों पर लेखन और साझा संकलन के प्रकाशन की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है।
तत्पश्चात् काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। लगभग 30 कवियों /कवयित्रियों ने नवरात्रि विषयक अपनी मनमोहक, उल्लासपूर्ण प्रस्तुतियों से काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।डा. निधी बोथरा जैन, डा. ओम ऋषि भारद्वाज एवं यमराज मित्र सुधीर श्रीवास्तव ने कुशल मंच संचालन के द्वारा काव्यगोष्ठी को सफलता प्रदान की।
आयोजन को सफल बनाने में विभिन्न मंचों के पदाधिकारियों, वरिष्ठ कवियों, कवयित्रियों का सराहनीय योगदान रहा। सभी पदाधिकारियों और शुभचिंतकों की सक्रिय, गरिमामय उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाने में सफलता प्राप्त हुई।
और अंत में संस्थापिका अंजू श्रीवास्तव की ओर से डा. निधी बोधरा जैन एवं शिक्षिका/कवयित्रि मनोरमा मिश्रा ‘मनु’ ने आयोजन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पदाधिकारियों, अतिथियों, साहित्यकारों का आभार ज्ञापित किया, जबकि रायबरेली काव्य रस साहित्य मंच के संस्थापक/वरिष्ठ कवि डा. शिवनाथ सिंह ‘शिव’ ने आशीर्वचन प्रदान किया।गोष्ठी के विराम की घोषणा वरिष्ठ कवि डा. ओम ऋषि भारद्वाज ने की।