मानकोें की खुली अनदेखी कर रहे हैं अधिकारी- उदयशंकर शुक्ल

बस्ती ( दैनिक अनुराग लक्ष्य )  गुरूवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक षिक्षक संघ की आकस्मिक बैठक प्रेस क्लब सभागार में जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में विद्यालयों को मर्ज किये जाने का मामला छाया रहा। निर्णय लिया गया कि 5 जुलाई को सभी ब्लाकों के बीआरसी पर शिक्षक बैठक कर भावी आन्दोलन पर विचार करेंगे और 7 जुलाई सोमवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्रदर्शन करते हुये जिलाधिकारी कार्यालय पर आकर ज्ञापन दिया जायेगा। 7 जुलाई के बाद ब्लाक स्तरीय संगठन के पदाधिकारी मर्जर हुये या होने वाले विद्यालयों पर पहुंचकर विद्यालय प्रबन्ध समिति और ग्राम प्रधानों से आग्रह करेंगे कि वे मर्जर के निर्णय पर अपनी सहमति न दे। इसी कड़ी में सर्व सम्मत से नन्द किशोर चौधरी को जनपदीय प्रचार मंत्री घोषित किया गया।

संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने कहा कि सरकार 50 छात्रों से कम संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को युग्मित किये जाने का अपना निर्णय वापस ले। सरकार स्पष्ट करे कि मर्जर का मानक क्या है। कहीं 10, कहीं 20 तो कहीं 35, 40 और पचास छात्र संध्या के आधार पर विद्यालय मर्जर किये जा रहे हैं। बस्ती में बिना प्रबन्ध समिति की सहमति के विद्यालय मर्जर किये जा रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पूरी तरह से गरीबों, वंचितों के पाल्यों के साथ विश्वासघात जैसा है। कहा कि प्राइमरी स्कूलों में प्री प्राइमरी शुरू कराया जाय। यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस न लिया और अध्यापकों को सर प्लस दिखाकर समायोजन प्रक्रिया बंद न हुई तो बस्ती समेत प्रदेश के शिक्षक चुप नहीं बैंठेंगे और निर्णायक आन्दोलन छेड़ा जायेगा।

संघ के जिला मंत्री राघवेन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष अभय सिंह यादव ने कहा कि सरकार शिक्षा विरोधी अपने निर्णय को तत्काल वापस ले। कहा कि एक तरफ तो सरकार सबको शिक्षा देने की बात करती हैं दूसरी ओर परिषदीय विद्यालयों को बंद किये जाने का निर्णय लिया जाता है। यह गरीबों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने जैसा है। शिक्षक, अभिभावक, छात्र और ग्राम प्रधान मिलकर शिक्षा विरोधी मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे। संघ संरक्षक शिव कुमार तिवारी, वाल्मीक सिंह ने कहा कि बहुत संघर्ष करके शिक्षकों को अधिकार मिला है। नयी पीढी इसे समझे और संघर्ष की धार को तेज करे।

बैठक में मुख्य रूप से राजकुमार सिंह, राम प्रकाश शुक्ल, देवेन्द्र वर्मा, दिवाकर सिंह, चन्द्रभान चौरसिया, रामपाल चौधरी, रीता शुक्ला, अभिषेक कुमार जायसवाल, त्रिलोकीनाथ, ओम प्रकाश पाण्डेय, शिवम शुक्ला, शोभाराम वर्मा, उपेन्द्र पाण्डेय, विनय कुमार, सौरभ कुमार, अरूण शुक्ल, नवीन कुमार, कन्हैयालाल विश्वकर्मा, राजकुमार, मंजेश राजभर, रवि प्रताप सिंह, आदित्यनाथ त्रिपाठी, अरविन्द कुमार पाण्डेय, रक्षाराम वर्मा, राजेश कुमार, विवेक कुमार, रघुवर दयाल, चन्द्रशेखर शर्मा, रजनीश कुमार मिश्र, नन्दकिशोर चौधरी, अभिषेक यादव, उमाशंकर तिवारी, शिवाकान्त पाण्डेय, मुकेश कुमार, सत्य प्रकाश के साथ ही संघ के अनेक पदाधिकारी और शिक्षक शामिल रहे।