देवीपाटन मंदिर में आधुनिक तकनीक और संस्कृति का संगम, बनेगा वैश्विक पर्यटन केंद्र

बलरामपु उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा बलरामपुर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर को श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक एवं भव्य बनाने की दिशा में एक नई पहल की जा रही है। मंदिर परिसर में अब आधुनिक तकनीक, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत मेल देखने को मिलेगा। इस परियोजना के अंतर्गत फ्लोटिंग म्यूजिकल फाउंटेन, मल्टीमीडिया लेजर शो, बीम प्रोजेक्टर, तथा वॉटर स्क्रीन वीडियो प्रोजेक्शन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके लिए ₹7.83 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि “यह प्रयास देवीपाटन मंदिर की भव्यता और आध्यात्मिक गरिमा को तकनीकी नवाचारों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगा।” उन्होंने बताया कि इन इंस्टॉलेशनों के माध्यम से दर्शकों को एक ऐसा अनुभव प्राप्त होगा जिसमें प्राचीन कथाओं को आधुनिक दृश्य-श्रव्य माध्यमों से प्रस्तुत किया जाएगा।परियोजना के तहत तैयार की जा रही ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति में लाइव एक्शन फुटेज, एनीमेशन, चित्रण, कथावाचन और संगीत के तत्व शामिल होंगे। यह प्रस्तुति देवीपाटन क्षेत्र की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को रोचक एवं प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत करेगी।मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस प्रयास से देवीपाटन सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं रहेगा, बल्कि यह एक समृद्ध सांस्कृतिक-पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित होगा। इससे एक ओर जहाँ श्रद्धालुओं को एक अविस्मरणीय और संतोषजनक अनुभव प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय व्यापार, रोज़गार और पर्यटन गतिविधियों में भी तेजी आएगी। स्थानीय दुकानदारों, हस्तशिल्प विक्रेताओं, गाइडों और परिवहन सेवाओं से जुड़े लोगों की आमदनी में सीधा इज़ाफा होगा।उन्होंने कहा, “देवीपाटन मंदिर में यह पहल हमारी उस सोच का प्रतीक है जिसमें हम परंपरा और तकनीक का समन्वय कर रहे हैं। ध्वनि, प्रकाश और कहानी के इस संगम से न केवल आध्यात्मिक वातावरण समृद्ध होगा बल्कि उत्तर प्रदेश को हेरिटेज एक्सपीरियंस टूरिज्म में अग्रणी बनाने की दिशा में भी ठोस कदम सिद्ध होगा।”सरकार को विश्वास है कि यह परियोजना बलरामपुर और देवीपाटन क्षेत्र को उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित करेगी और श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक के साथ-साथ तकनीकी एवं सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक समृद्ध अनुभव प्रदान करेगी।