*गायत्री साधना शिविर*

🌹ओ३म् 🌹
*गायत्री साधना शिविर*
आर्यावर्त साधना सदन दशहराबाग बाराबंकी के तत्वाधान में पावन गायत्री कथा के माध्यम से *गायित्री आध्यात्मिक साधना शिविर* में प्रतिभाग करके नर-नारी अपनी *आध्यात्मि उन्नति* में 🍁 तन-मन-धन🍁 से कर रहे हैं।
*शिविर के कार्यक्रम*
*[१]* प्रतिदिन गायत्री मंत्र का शुद्ध उच्चारण।
*[२]* प्रतिदिन मंत्र के शब्दार्थ का ज्ञान।
*[३]* प्रतिदिन गायत्री मंत्र के ध्यान का प्रैक्टिकल।
*[४]* प्रतिदिन प्रवचन के बाद शंका-समाधान!
*[५]* प्रतिदिन परीक्षा में पूछे जाने के लिए एक प्रश्न का लेखन ।
*[६]* प्रतिदिन *फेसबुक/ वाट्सप एवं अक्षर ओ३म् यू ट्यूब चैनल पर* पावन गायत्री कथा का वीडियो अपलोड किया जाता है।जिसे सुनकर लोग *परीक्षा* की तैयारी में लगे हैं।
*आज का चिंतन*
आज गायत्री महामंत्र के द्वितीय महाव्याहृति *ओ३म् भू:* पर चितन देते हुए बताया गया कि *भू शब्द* के चार अर्थ होते हैं।
*[१]* ईश्वर सनातन व अनादि है।
*[२]* ईश्वर प्राण प्रदाता है।
*[३]* ईश्वर प्राणों से भी प्रिय है।
*[४]* ईश्वर स्वयंभू है।
इन चारों विंदुओं पर विस्तार से *संवाद शैली में व्याखयान* किया गया। लोगों में *सनातन संस्कृति के बारें रुचि और जानकारी* जग रही हैं।
🌸*आज के भजन*🌸
आज श्रीमती पुष्पा देवी।सरस्वती देवी।पुरोहित आर एन गुप्ता।पुरोहित अर्जुन देव व पंडिता रुक्मिणी शास्त्री के वैदिक भजनों ने श्रोताओं को भाव विभोर किया ।
*उत्तम व्यवस्था*
आश्रम की व्यवस्थापिका *पंडिता रुक्मिणी शास्त्री* जी की ओर से श्रोताओं के बैठने,प्रसाद,आदि की उत्तम व्यवस्था रहती है।संगीत के अनेक यंत्र भी विद्यमान रहते हैं
*आचार्य सुरेश जोशी*