बस्ती । 25 जुलाई मंगलवार को ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने परसुरामपुर ब्लाक परिसर में ग्राम पंचायत अधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बृजेश और उनके गुर्गो द्वारा मारने-पीटने, फायरिंग कर दहशत पैदा करने और भादवि की धारा 307 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर हिरासत में लिये जाने के सवाल को लेकर जिलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अध्यक्ष मस्तराम वर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष राम अधार पाल, जिला मंत्री तौलू प्रसाद के साथ ही विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को जिलाधिकारी को यथा स्थिति से अवगत कराया। मांग किया कि ग्राम पंचायत अधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह एवं अन्य कर्मचारियों के विरूद्ध दर्ज मुकदमें को समाप्त कराकर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाय जिससे कर्मचारी भयमुक्त होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके।
कार्यवाहक अध्यक्ष राम अधार पाल ने बताया कि जिलाधिकारी के प्रतिनिधि मण्डल से विस्तार से प्रकरण की जानकारी प्राप्त किया और पुलिस अधीक्षक से वार्ता करने के बाद आश्वासन दिया कि मामले की मजिस्टेªटी जांच करायी जायेगी। ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति के अध्यक्ष अरूणेश पाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेन्द्र अरोडा, मंत्री अमरनाथ गौतम, मण्डल अध्यक्ष राकेश पाण्डेय आदि ने डीएम को बताया कि विकास खण्ड परसरामपुर के ब्लाक परिसर में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) के कार्यालय में ग्राम पंचायत करनपुर के तथाकथित ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बृजेश पुत्र जगनरायन, पप्पू पुत्र जगनरायन के द्वारा अपने 15-20 साथियों के साथ ग्राम पंचायत अधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह जो सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) के कार्यालय में बैठे थे से बिना कार्य कराये गये कार्यों के मस्टर रोल पर हस्ताक्षर को लेकर वाद-विवाद होने लगा। इसी दौरान ग्राम प्रधान के तथाकथित प्रतिनिधि बृजेश व पप्पू पुत्रगण जग नरायन ने अपने साथियों के साथ ग्राम पंचायत अधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह पर हमला कर दिया और मारने-पीटने लगे। बीच-बचाव करने आये ऋतुराज पाण्डेय ग्राम पंचायत अधिकारी को भी मारा पीटा। इस दौरान गोलबन्द होकर आये लोगों में से किसी ने गोली चलायी जिससे अफरा-तफरी मच गया और वह लोग जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गये। उक्त घटना के बाद स्थानीय पुलिस के द्वारा तथाकथित ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बृजेश से तहरीर लेकर गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर सचिव नरेन्द्र कुमार सिंह को हिरासत में ले लिया गया। वही कर्मचारी के द्वारा दिये गये प्रार्थना-पत्र पर कर्मचारी के ऊपर किये गये हमले सरकारी कार्यों के कार्य में व्यवधान आदि से घटित घटना में धाराओं का अल्पीकरण कर लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति ने उक्त घटना पर स्वत संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन से मांग किया कि कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज फजी आपराधिक मुकदमों को निष्पक्ष जाच कराकर समाप्त कराया जाय और दोषियांे के विरूद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा परिवर्तित कर उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाय तथा ब्लाक परिसर में पुलिस की आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था दिलायी जाये जिससे भयमुक्त होकर कर्मचारीगण अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन सुचारू रूप से कर सके। संगठन ने यह भी भी मांग किया कि प्रधान प्रतिनिधियों का शासकीय कार्यों में हस्तक्षेप को रोकने की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी से वार्ता कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग करने वाले प्रतिनिधि मण्डल में मुख्य रूप से दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, सफाई कर्मचारी संघ अध्यक्ष अजय कुमार आर्य, मनोज मिश्र, राम सुभाष चौधरी, सुधीर सिंह, प्रशान्त पाण्डेय, महेन्द्र प्रजापति, अविनाश पाण्डेय, आनन्द, सुशील चौधरी, कुसुम लता सिंह, रमाकान्त चौधरी, राम सुरेश वर्मा, शैलेन्द्र त्रिपाठी, आशुतोष पटेल, जयेन्द्रलाल, सत्येन्द्र चौधरी, फैज अहमद, राजेश कुमार, विजय कुमार, पप्पू यादव, रवि पाण्डेय, वृजेन्द्र गौतम, शीतल यादव, राजेन्द्र प्रसाद, अजय सिंह, श्री प्रकाश चौधरी, ज्ञानेन्द्र द्विवेदी, रविशंकर शुक्ल के साथ ही विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।