आ गया बसंत चहुँओर खुशी छायी है – प्रतिभा गुप्ता

*आ गया बसंत चहुँओर खुशी छायी है*

अमवा का देख बौर मन को न रहा ठौर

कोयल की कूक रग रग में समायी है

 

पीली पीली सरसो की चूनरिया ओढ़कर

रूप रास रंग से ये धरती नहायी है

 

कोपलें नवीन उगीं,मन में उमंग जगी

आ गया बसन्त चहुँओर खुशी छायी है

 

गेंदा व गुलाब जूही केतकी पलाश और

टेसू की बहार हर हृदय को भायी है

 

 प्रतिभा गुप्ता

खजनी,गोरखपुर