गोण्डा (उत्तर प्रदेश): जिले के वरिष्ठ कवि साहित्यकार देहदानी सुधीर श्रीवास्तव को सुदीर्घ हिंदी सेवा में अनुकरणीय योगदान हेतु ‘काशी हिंदी विद्यापीठ वाराणसी द्वारा “विद्या- सागर मानद सम्मान” राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया है।
16 नंबर को वाराणसी में आयोजित समारोह में उक्त सम्मान अंगवस्त्र, मोमेंटो प्रदान किया गया। पक्षाघात संबंधी दुश्वारियों के कारण उक्त सम्मान उनकी छोटी बहन डा. अणिमा श्रीवास्तव ने ग्रहण किया। हाल ही में 4 नवंबर को बजरंग लोक मानस कल्याण समिति (पंजी.) द्वारा श्री श्रीवास्तव को ‘विद्या वाचस्पति मानद उपाधि’ भी प्रदान किया जा चुका है।
ज्ञातव्य है कि श्री श्रीवास्तव वर्तमान में पक्षाघात का दंश झेल रहे और विशिष्ट पहचान बना चुके बहुआयामी व्यक्तित्व, बेबाक, सर्वसुलभ, सर्वहितैषी व्यक्तित्व के धनी नवोदित रचनाकारों के लिए सारथी की भूमिका निभाने वाले सुधीर श्रीवास्तव जी विभिन्न राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय पटलों/मंचों से 2300 से अधिक सम्मान पत्र प्राप्त कर चुके श्री श्रीवास्तव विभिन्न साहित्यिक पटलों में पदाधिकारी भी हैं।
पूर्व में भी “विद्या वाचस्पति मानद उपाधि” प्राप्त कर चुके और बुलंदी विश्व रिकॉर्ड कवि सम्मेलन में प्रतिभाग कर ‘काव्यश्री’, अखंड काव्यार्चन गोल्डेन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड, ऐतिहासिक अमृत महोत्सव काव्य गोष्ठी के लिए ‘गौरव सम्मान’, ‘कोच काव्य कुँभ २०२१’, जय विजय सम्मान २०२१, संगम शिरोमणि आदि से सम्मानित श्री सुधीर श्रीवास्तव नेत्रदान का संकल्प और देहदान की सार्वजनिक घोषणा कर चुके हैं। नवोदित रचनाकारों को यथासंभव प्रेरित कर सहयोग/मार्गदर्शन देते हुए आगे बढ़ाने का भी हर संभव प्रयास करते हुए प्रेरक , गाडफादर, सारथी की भूमिका लगातार निभा रहे हैं।
श्री सुधीर श्रीवास्तव के सम्मानित किए जाने पर अनेक साहित्यिक सामाजिक विभूतियों ने उन्हें बधाइयाँ और शुभकामनाएं देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है।