लखनऊ। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम महाकुंभ-2025 के अलौकिक आयोजन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज में विभिन्न बुनियादी सुविधायें सृजित की जा रही हैं। इसके तहत पर्यटन विभाग उ0प्र0 की ओर से भी कई निर्माण कार्य तथा गतिविधियां क्रियान्वयन के लिए तैयार की गयी है। इसके अंतर्गत अरैल क्षेत्र में संस्कृति ग्राम की स्थापना की जायेगी, जिसे 06 जोन में बांटा जायेगा।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि संस्कृति ग्राम में महाकंुंभ की प्राचीन विरासत एवं गौरवगाथा तथा पौराणिक कथा पर आधारित प्रदर्शनी लगायी जायेगी। इसमें महाकंुभ की ऐतिहासिक यात्रा, ज्योतिष विज्ञान पर प्रदर्शनी, कला संबंधी प्रदर्शनी, पाक कला व्यंजन संबंधी प्रदर्शनी तथा डिजिटल माध्यमों से कार्यशालायें आयोजित की जायेगी। जयवीर सिंह ने बताया कि संस्कृति ग्राम की स्थापना हेतु 02 अगस्त में ईओआई आमंत्रित कर 08 फर्मों से प्रस्ताव प्राप्त किये गये हैं। चयनित डिजाइनों के अनुसार वित्तीय निविदा प्रक्रियाधीन है। इसके अलावा मेला क्षेत्र में 30 अस्थायी थिमैटिक गेट की स्थापना होगी। यह गेट समुद्र मंथन के 14 रत्नों पर आधारित होंगे। 30 अस्थायी थिमैटिक गेट की स्थापना हेतु 10 फर्मों से 600 गेटों की डिजाइन प्राप्त की गयी है। इनमें से चयनित गेटों की डिजाइनों के अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि मेला क्षेत्र में इंडिया स्टेट पवेलियन की स्थापना की जायेगी। इसकी मुख्य थीम विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति से बैशाखी पर्व के मध्य पड़ने वाले पारम्परिक त्यौहारों पर थीम आधारित होगी। इसके अलावा भारत के विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की पर्यटन प्रदर्शनी के लिए 35 बूथ का निर्माण किया जायेगा। इस प्रदर्शनी में फूड जोन, जनभागीदारी कार्यशाला का निर्माण, हस्तशिल्प बाजार का प्रदर्शन तथा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु स्टेज का निर्माण किया जायेगा। जयवीर सिंह ने बताया कि मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए 10 अस्थायी पर्यटन सूचना केन्द्रों की स्थापना की जायेगी। इसके लिए एजेंसी के चयन के लिए निविदा संबंधी कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त महाकुंभ की अवधि में 02 ड्रोन-शो के आयोजन हेतु अग्रेतर कार्यवाही की जा रही है। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्यों को गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा करना सुनिश्चित करें।