अनुराग लक्ष्य, 21जून
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,
मुंबई संवाददाता ।
इसे कहते हैं तरक्की, एक तरफ हम जहां चांद पर तिरंगा फहरा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अब देश में नई तकनीक की शुरुआत से हम अब सोने चांदी के गहने और ज़ेवरात भी तैयार करा सकते हैं।
जूलरी के कारोबार में अब एक नई क्रांति आने वाली है। जूलरी के कारोबार में रोजी रोटी कमाने वाले कर्मचारियों पर अब संकट के बादल गहराने लगे हैं, जूलरी के कारोबार और निर्माण के छेत्र में अब रोबोट्स ने दस्तक दे दी है। जो अब सोवर्डभूषण भी तैयार करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार तनिष्क और मलाबार गोल्ड जैसी जानी मानी जूलरी ब्रांड्स ने अपनी जूलरी मेकिंग में रोबोट्स की मदद लेनी शुरू कर दी है। चेन मेकिंग से लेकर पॉलिशिंग और कास्टिंग तक के हर काम में मशीनी का दखल आ जाने से देसी कारीगरी और कर्मचारियों पर भारी संकट के बादल गहराने लगे हैं।
इसी के साथ बगैर किसी सुपरविजन के ही अब जूलरी मेकिंग में उत्पादन का स्तर भी बढ़ रहा है। तनिष्क के एक परवकता के मुताबिक ओटोमोशन के इस दखल के कई फायदे हैं, जिसकी वजह से इसमें सुपरविजन की कोई आवश्यकता नहीं है और कई शिफ्ट में लगातार काम भी किया जा सकता है।
मलाबार गोल्ड एंड डायमंड के चेयरमैन एम पी अहमद साहब के मुताबिक बहुत सारे काम हैं जो ओटमोशन के सुपुर्द कर दिए गए हैं। जिसमें क्लीनिंग, और गोल्ड हैंडलिंग जैसे संबंधित काम भी शामिल हैं, और इसके सुखद परिणाम भी सामने आने शुरू होने लगे हैं।
अब प्रश्न यह उठता है कि आने वाले समय में अगर रोबोट्स ने जूलरी मेकिंग के धंधे में अपनी योग्यता से जूलरी कारोबार का भविष्य उज्ज्वल कर दिया तो आने वाले समय में देश के जूलरी कारोबार में जो कर्मचारी अपने हुनर और फन से अपनी जीविका चलाते थे, उनका क्या होगा।