ग्लोबल वार्मिंग – धरती का सबसे बड़ा खतरा

वातावरण के बढ़ते हुए तापमान को देखते हुए यह प्रतीत हो रहा है

की ग्लोबल वार्मिंग सम्पूर्ण मानवता के लिए एक भयावह खतरा

साबित हो रहा हैं ।

तापमान का बढ़ना, मौसम में बदलाव, भूगर्भी जल का नीचे जाना,

ग्लेशियर का पिघलना, समुद्री जलस्तर का उच्च होना और जलवायु

परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग के ही प्रभाव है । ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य

कारण वनों की अंधाधुंध कटाई, बढ़ती जनसंख्या, जीवाश्म ईधनों का

प्रयोग, बढ़ते वाहन, वातानुकूलित यंत्रों का प्रयोग, बढ़ता कार्बन

उत्सर्जन इत्यादी हैं

अमेरिकन नैशनल अकेडमी ऑफ साइंस के एक रिसर्च के अनुसार

ग्लोबल वार्मिंग के कारण मुंबई समेत कई समुद्र तटीय महानगरों के

डूबने की आशंका बढ़ती जा रही है ।

हाल ही में जारी की गई जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल

( IPCC ) की रिपोर्ट के अनुसार 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान

वृद्धि पर दुनिया मे समुद्री जलस्तर में वृद्धि, वर्षा मे वृद्धि, सूखे

और बाढ़ की आवृत्ती में वृद्धि, अधिक गरम दिन, तीव्र समुद्री

चक्रवात, महासागर की अम्लता और लवणता मे वृद्धि होगी।

रिपोर्ट के अनुसार 1.5-2.0 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से यह

विनाश कहीं ज्यादा भयावह होगा ।रिपोर्ट के अनुसार तटीय राष्ट्रों जैसे भारत की अर्थव्यवस्था जो की

कृषि प्रधान है सबसे ज्यादा प्रभावित होगी। फसल में गिरावट से

भारत की GDP में भी गिरावट आएगी। भारतीय तटों पर समुद्री जल

स्तर में प्रति दशक 1 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई है । यदि ग्लोबल

वार्मिंग इसी तरह बढ़ता रहा तो मानसून की तीव्रता के साथ

ग्लेशियर के तेजी से पिघलने से हिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाएं

बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगी।

इससे बचाने के लिए हमें 2015 के पेरिस समझौते का कड़ाई से

पालन करते हुए तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर ही

रोकना होगा अन्यथा परिणाम भयावह होंगें। इसके लिए हमें

युद्धस्तर पर पेड़ लगाने होंगे। कार्बन उत्सर्जन में कमी लानी होगी,

नवीकरणीय ऊर्जा श्रोतों का प्रयोग करना होगा, जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगानी होगी

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत ने अपने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई है

। यह हमारे लिए गर्व की बात है। वर्ष 2023 मे भारत G 20 की

अध्यक्षता भी कर रहा है जिसमे One Earth One Family OneFuture का मोटो दिया गया है।

हम भी अपने जीवनशैली मे मूलभूत परिवर्तन करके पर्यावरण को

बचाने में अहम भूमिका निभा सकते है। हमें इको-फ्रेंडली विकल्पों को अपनाना होगा और व्यक्तिगत स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को कम

करना होगा । जैसा की हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने LIFE

– Lifestyle For Environment का नारा दिया है इसे हमें अपने

जीवन में उतरना होगा। आईए हम सब मिलकर प्रण ले की हम

धरती को वार्मिंग से बचाने का हर संभव प्रयास करेंगें।

जल रही है धरती, बन कर ज्वाला,

रो रही है प्रकृति, हमने क्या कर डाला

आओ मिलकर करें प्रयास रोके विनाश का अंधियारा,

पुनः पृथ्वी पर लाएं, प्यारी हरियाली का उजियारा ।

अनुसरना सिंह

( राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका )

बेसिक शिक्षा बस्ती

 

 

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