सुल्तानपुर। मेडिकल कॉलेज हो या फिर प्राइवेट अस्पताल हर जगह दलालों का मकड़़जाल फैला हुआ है। कभी एंबुलेंस के नाम पर दलाली, कभी दवाओं के नाम पर। लेकिन इसमें सबसे भयानक और खतरनाक है खून की दलाली का काला धंधा। प्रदेश सरकार और जिम्मेदारों के बड़े़-बड़े दावों के बावजूद सुलतानपुर मेडिकल कॉलेज में यह काला बाजार धड़ल्ले से चल रहा था। आज एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ जो न जाने कितने सालों से लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहा था। यह गिरोह सुलतानपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती मजबूर मरीजों और उनके तीमारदारों गरीबों और मजदूरों का खून बेच रहा था। इस तरह से यह गिरोह अपनी जेबें गर्म कर रहा था। वहीं आज सुल्तानपुर-मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक के प्रभारी डां आरके मिश्रा ने अपनी सक्रियता दिखाते हुए मेडिकल कॉलेज में दो युवक को पकड़ा उसके बाद उन्होंने पकड़े गये दोनों युवकों को प्रधानाचार्य कार्यालय लेकर पहुंचे वहां पर जब पूछताछ हुई तो पता चला कि दोनों युवक खून बेचने के नाम पर मरीजों से पैसा लेते हैं और खून की दलाली करते हैं पकड़े़ गए युवाओं का नाम चंचल और राज सिंह है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन ने बताया कि खून चढ़ाने के लिए जब वह किसी से पूछ रही थी तभी उसको शुभम नाम का एक युवक अस्पताल मे मिला और 5 हजार रूपए लेकर पीड़ित को ब्लड दिलवाने की बात कही जब बात तय हो गई तो शुभम ने अपने सहयोगी राज सिंह, को जिला अस्पताल बुलवाकर खून भी निकलवा लिया। जिस पर ब्लड बैंक प्रभारी डां आर के मिश्रा को संदिग्ध लगा तो उन्होंने राज सिंह को प्रधानाचार्य कार्यालय में लेकर पहुंचे तब पूरे मामले का खुलासा हुआ तत्काल कार्यालय पर मौजूद प्रधानाचार्य ने नगर कोतवाली पुलिस को सूचित कर बुलवाया उसके बाद खून कारोबार करने वाले दोनों युवकों को पुलिस के हवाले कर दिया।