बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्र लेखन मंच पर मातृ सप्ताह मनाया गया

दुनिया की हर एक मां को समर्पित है मातृ दिवस। स्वतंत्र लेखन मंच पर उसे परंपरागत रूप से एक दिन न मनाकर, मातृ सप्ताह के रूप में माँ को समर्पित किया गया। पूरे सप्ताह आयोजित कार्यक्रम में माँ के विभिन्न रूपों पर लेखन किया गया।

“जिसने हमको जीवन दिया, उसके लिए जीवन भी छोटा,

इस जग की क्या बात करें, माँ के आगे रब है रीता”। तभी तो कहा है – “मां की दुआएं मेरी मुसीबतों से इस कदर टकराती हैं, जमाने की हर बलाएँ उनके काले टीके से घबराती हैं”।

स्वतंत्र लेखन मंच के संस्थापक डॉ. विनोद वर्मा दुर्गेश “मुकुंद”, मंच की मनीषी, प्रवीण अध्यक्षा डॉ. दवीना अमर ठकराल “देविका”, मंच की सक्रिय कार्यकारिणी की सक्षम छाया में दिनांक 6 मई सोमवार से शुरू हुये सप्ताह में रचनाकारों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। हर दिन नए विषय जैसे माँ के रूप अनेक हैं (17 रचनाकार), दादी माँ (35 रचनाकार), नानी माँ (30 रचनाकार), भाभी माँ (29 रचनाकार), माँ की सीख (23 रचनाकार) और माँ से है संसार (42 रचनाकार) पर विभिन्न प्रतियोगिता संचालकों और प्रबुद्ध रचनाकारों ने अपने शब्द और भावों से माँ को अभिव्यक्त किया। प्रत्येक दिन श्रेष्ठ रचना के लिए सम्मान पत्र और प्रतिभागी रचनाकारों का कोलाज, वीडियो, पोस्टर व सम्मान-पत्र क्रमशः नीरजा शर्मा “अवनि”, सुमित जोशी राईटर “जोश” तथा सुनील भारती आज़ाद “सौरभ” ने बनाकर प्रेषित किए। जहां कुछ रचनाकार जैसे सुरेशचन्द्र जोशी “सहयोगी”, अशोक दोशी “दिवाकर” नीरजा शर्मा “अवनि”,फूलचंद्र विश्वकर्मा “भास्कर”, स्वर्ण लता सोन “कोकिला”, अरुण ठाकर जिंदगी “कवित्त”, संजीव कुमार भटनागर “सजग”, सिद्धि डोभाल “सागरिका”, अनु तोमर “अग्रजा”, वीना टंडन “पुष्करा” डॉ पूनम सिंह सारंगी , अनिल राही, डॉ. पूर्णिमा पाण्डेय “सुधांशु”, किरण भाटिया” नलिनी”, रेखा पुरोहित “तरंगिणी “, नीतू रवि गर्ग “कमलिनी”, ललित कुमार “भानु”,कुसुम लता “तरुषी”,अलका जैन आनंदी “चंचला”,संगीता चमोली ”इंदुजा”,रंजना बिनानी “स्वरागिनी”,एकता गुप्ता काव्या “महक”,नंदा बमराड़ा “सलिला”, आशा बुटोला “सुप्रसन्ना”, सरिता कुमार आदि ने प्रतिदिन माँ को अपने उद्गार समर्पित किए तथा उन्हें मातृ मंडन साहित्यिक सम्मान द्वारा सम्मानित किया गया। वहीं 40 सृजन कारों की प्रतिभागिता सीमित रही।

सप्ताह का समापन रविवार 12 मई को संजीव कुमार भटनागर “सजग” के संचालन में सम्पूर्ण आयोजन की विश्लेषणात्मक, विवेचनात्मक व संपूर्ण समीक्षात्मक अभिव्यक्ति के साथ हुआ। डॉ अनीता राजपाल “वसुंधरा” को सर्वश्रेष्ठ समीक्षात्मक अभिव्यक्ति के लिए व मीडिया प्रभारी कृष्ण कान्त “कमल” को अनवरत सहयोग के लिए सम्मानित किया गया।

स्वतंत्र लेखन मंच की अध्यक्षा डॉ दवीना अमर ठकराल “देविका”ने स्वतंत्र लेखन मंच के सभी कर्तव्यनिष्ठ, कर्तव्य परायण, प्रतिबद्धित, नियमित प्रबुद्ध,रचनाकारों का आभार प्रकट करते हुए और अधिक सृजनशीलता व सहभागिता का आह्वान किया। मंच पर नव सोच से नव सृजन व आयोजन के लिए संकल्प लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *