बस्ती ( अनुराग लक्ष्य न्यूज ) कैंसर, एक ऐसा शब्द जो लाखों लोगों के लिए भय, अनिश्चितता और क्षति का प्रतीक है, जागरूकता, शक्ति और उद्देश्य से भी इसका सामना किया जा सकता है। हर साल, भारत 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के रूप मे मनाया जाता है | यह दिन कैंसर की रोकथाम, शीघ्र पहचान और उपचार तक पहुँच पर प्रकाश डालने के लिए समर्पित है। यह दिवस देश भर के व्यक्तियों, समुदायों और स्वास्थ्य प्रणालियों पर आग्रह भी है कि वे एक पल रुकें, इस पर विचार करें कि कैंसर जीवन को कैसे प्रभावित करता है, और रोकथाम, शीघ्र पहचान और सहायता के माध्यम से कार्य करें। हालाँकि यह बीमारी भारी लग सकती है, लेकिन इस दिन का संदेश आशा, शक्ति और सामूहिक जिम्मेदारी का है। ऐसे देश में जहाँ कैंसर का बोझ लगातार बढ़ रहा है, यह दिन एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है, कि जागरूकता और समय पर कार्रवाई वास्तविक बदलाव ला सकती है। रेडक्रॉस सोसाइटी बस्ती के सचिव, एवं ह्यूमन सेफ लाइफ फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष रंजीत श्रीवास्तव ने समाज को जागरूक करने के लिए लोगो से खुद से भी जागरूक रहने की, औऱ समाजसेवी संस्थाओ से कैंसर के प्रति लोगो मे जागरूकता फैलाने की अपील भी की |
रंजीत श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि भारत में, राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस प्रतिवर्ष 7 नवंबर को मनाया जाता है। यह तिथि नोबेल पुरस्कार विजेता मैरी क्यूरी की जयंती के उपलक्ष्य में चुनी गई थी, जिनके रेडियोधर्मिता पर शोध ने कैंसर चिकित्सा की नींव रखी थी। यह पहल 2014 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा भारत में कैंसर की रोकथाम, शीघ्र पहचान और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी।