बस्ती। शनिवार को मेधा प्रवक्ता दीनदयाल तिवारी ने प्रदेश के लगभग 20 लाख छात्रों जो शुल्क प्रतिपूर्ति एवं छात्रवृत्ति से वंचित है की मांगों को पूरा कराने के लिये दूसरी बार अभिनव प्रयोग किया। वे अधिकमास में श्री भद्रेश्वरनाथ धाम पहुंचे और मांग पत्र भगवान शिव को समर्पित करते हुये सामूहिक प्रार्थना किया।
मेधा प्रवक्ता ने 20 लाख वंचित छात्रों की ओर से भगवान शिव से प्रार्थना के बाद कहा कि मेधा लगातार इस सवाल को लेकर संघर्षरत है। केन्द्र और राज्य सरकार, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, अनेक जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बावजूद वंचित छात्रों की जायज मांग को अनुसनी किया जा रहा है। ऐसे में उनके मन में पुनः दूसरी बार विचार आया कि अब इस संघर्ष में देवाधिदेव भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया जाय, वहीं सरकार और जन प्रतिनिधियों का शायद मन बदल दें और 20 लाख वंचित छात्रों शुल्क प्रतिपूर्ति एवं छात्रवृत्ति मिल जाय।
दीन दयाल तिवारी ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि उन्होने भगवान शिव से प्रार्थना किया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार अनुसूचित जाति, जन जाति की भांति सामान्य एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति एवं छात्रवृत्ति दिये जाने का प्राविधान है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से सत्र 2021-2022 तक अनेकों पात्र छात्र दशमोत्तर शुल्क प्रतिपूर्ति एवं छात्रवृत्ति से वंचित है। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अनुसूचित जाति, एवं जन जाति के पात्रता की आय सीमा ढाई लाख रूपये निर्धारित है। ऐसी स्थिति में सामान्य एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों की आय सीमा भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार ढाई लाख रूपये वार्षिक किया जाय। कहा कि सभी वर्गो के छात्रों के लिये परीक्षा परिणाम के प्रतिशत की बाध्यता समाप्त किया जाय। श्री भद्रेश्वरनाथ स्थित धाम में ज्ञापन देने पहुंचे दीन दयाल त्रिपाठी के साथ राजेश मिश्र, प्रतीक मिश्र, रूद्र आदर्श पाण्डेय, अकित यादव, राहुल तिवारी, अंकित उपाध्याय आदि शामिल रहे।