बस्ती। सेवा सदन कार्यालय में प्रेस वार्ता कर पूर्व विधायक चंद्र प्रकाश शुक्ला सफाई देते हुए बताया कि टाइम सिटी कंपनी से संबंधित अपने व अपने परिवार के खिलाफ दर्ज मुकदमे में अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि 2010 में टाइम सिटी कंपनी की शुरुआत पंकज कुमार पाठक संतोष कुमार सिंह सुनील कुमार मिश्रा और मेरे साथ में हुई जिससे अवैतनिक डायरेक्टर था कंपनी से मैंने सितंबर 2017 में अपनी राजनीति व्यस्तताओं के कारण कंपनी से इस्तीफा दे दिया मेरे जाने के बाद पंकज कुमार पाठक अध्यक्ष बन गए और कंपनी का संचालन करने लगे सितंबर 2019 में मेरे छोटे भाई दीपचंद शुक्ला ने भी जमा करता हूं के भुगतान न होने के कारण कंपनी छोड़ दी 2020 में इस्तीफा दे दिया मेरे भाई दीपचंद शुक्ला के पास कोई वित्तीय अधिकार नहीं थे मेरे इस्तीफा के बाद पंकज पाठक ने संतोष सिंह सुशील मिश्रा अशोक सिंह और रीना कंपनी की जीएम के साथ मिलकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया इन लोगों ने कंपनी के खातों से करोड़ों रुपए निकाल कर अपनी संपत्ति बनाई और सैकड़ो एकड़ जमीन बर्बाद कर दी 1 साल के भीतर महंगी जमीन गाड़ियां और आलीशान मकान बने गए टाइम सिटी ग्रुप की मल्टी स्टेट सोसाइटी के बैंक खातों से करीब 26 करोड रुपए पंकज ने अपनी पत्नी और साल के खातों में ट्रांसफर कर हड़प लिए गए फैजाबाद और गोरखपुर में भी समिति की कर्म की जमीन बेचकर जमा कर्ताओं का भुगतान नहीं किया गया कुछ समय पहले संतोष कुमार सिंह ने मेरे भाई परिवार के सदस्यों और मेरे खिलाफ लखनऊ के गुडंबा थाने में फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था जो पुलिस जांच में झूठा पाया गया पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट एफआर लगा दी मेरे त्यागपत्र के बाद इन व्यक्तियों ने भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई का एक फर्जी लाइसेंस भी बनाया और बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार कर निवेशकों द्वारा पंकज कुमार पाठक और उनके सहयोगीयो खिलाफ लखनऊ में दो एफआईआर और 14 परिवाद जबकि बाराबंकी में 9 एफआईआर और 26 परिवाद दर्ज किए गए हैं बाराबंकी पुलिस ने पंकज कुमार पाठक को 7 दिसंबर को जेल भेजा था इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 21 फरवरी 2025 को निवेशकों का पैसा वापस करने के निर्देश के साथ जमानत दी थी लेकिन भुगतान के लिए दी गई अधिकतर चेक बाउंस हो गई हाल में ही उच्च न्यायालय ने सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद पंकज पाठक ने कुछ निवेशकों से संपर्क किया और पैसा वापसी बदले मे मेरे भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की शर्त रखी इसी परिणाम स्वरुप गोरखपुर में पंकज पाठक सहयोगियों प्रेम मोहन मौर्य राजेंद्र यादव आलोक श्रीवास्तव और राममिलन मौर्य की मदद से तीन एफआईआर दर्ज की गई जो निराधार गलत है मैं पुनः दोहराता हूं कि मैं और मेरा परिवार इस पूरे मामले में पूरी तरह निर्दोष है मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है सच्चाई सबके सामने जल्द ही आ जाएगी ।