दर्जनों रथ, हाथी, घोड़े, बैंड बाजे और गाड़ियों के काफिले के साथ निकली कलश यात्रा बनी आकर्षण का केंद्र मखौड़ा, परशुराम पुर,
महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या / बस्ती । श्री राम जानकी मंदिर मखौड़ा से दिव्य रथ पर विराजमान श्री राम जी के स्वरूप की भव्य शोभायात्रा आज दर्जनों रथ, हाथी, बैंड बाजे, भक्तों एवं गाड़ियों के एक लंबे काफिले के साथ निकली। यह कलश यात्रा (शोभा यात्रा) उपस्थित भक्तों की श्रद्धा और आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही। दशरथ महल पीठाधीश्वर विंदु संप्रदाय के सिरमौर यशस्वी विंदु गद्दाचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य जी महाराज की अध्यक्षता में एवं उनके प्रिय शिष्य अर्जुन द्वाराचार्य कृपालु राम भूषण दास जी महाराज के व्यवस्थापकत्व तथा श्री राम जानकी मंदिर मखौड़ा के व्यवस्थापक सूर्य नारायण दास वैदिक के कुशल संचालन में यह शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में सैकड़ों महिलाओं ने मंगल कलश धारण किए और मनोरमा गंगा का पवित्र जल भरकर यज्ञ मंडप में प्रवेश किया। आचार्य विष्णु प्रसाद नायक शास्त्री के आचार्यत्व में वैदिक विधि-विधान के साथ श्री राम महायज्ञ का कलश यज्ञ मंडप में स्थापित किया गया। यह शोभायात्रा श्री राम जानकी मंदिर से प्रारंभ होकर परशुराम पुर बाजार, कोहराए और नेदुला होते हुए वापस श्री राम जानकी मंदिर मखौड़ा पर संपन्न हुई। शोभायात्रा के पूरे मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा में शामिल संत, महंतों और भक्तों का शीतल जल, शरबत एवं प्रसाद वितरित कर भव्य स्वागत किया। इस पावन अवसर पर मिथिला पीठाधीश्वर जगद गुरु स्वामी श्री विष्णु देवा चार्य जी महाराज (विहार), महंत श्री राम शरण दास रामायणी, महंत श्री राम शंकर दास रामायणि, महंत श्री राम कृष्ण दास रामायणी, महंत श्री राम दास जी (श्री राम आश्रम), संत श्री मिथिला बिहारी दास जी महाराज, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राम शंकर शुक्ला जी, संत श्री सुदामा दास जी सहित बड़ी संख्या में संत, महंत, भक्त और अतिथिगण उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि श्री राम महायज्ञ आगामी ६ मई तक चलेगा। ६ मई को हवन कुंड में आहुतियां डाली जाएंगी और यज्ञशाला की परिक्रमा के उपरांत एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसके साथ ही यज्ञ की पूर्णाहुति होगी। इस दौरान, प्रतिदिन सायंकाल संतों के प्रवचन और कथामृत की वर्षा होगी, वहीं रात्रि ९ बजे से राम लीला का मंचन दर्शकों और भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करेगा। नित्य अन्न क्षेत्र में संत, भक्तों और अतिथियों का भंडारा, दक्षिणा, भेंट और विदाई प्रदान कर सम्मान किया जाएगा।