प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने महाराजा सुहेल देव स्मारक स्थल का किया निरीक्षण

बहराइच 27 अप्रैल। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा, जिलाधिकारी मोनिका रानी, मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, पर्यटन एवं सूचना अधिकारी मनीष श्रीवास्तव, राजा पयागपुर यशवेन्द्र विक्रम सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ चित्तौरा झील के तट पर स्थित महाराजा सुहेल देव जी के स्मारक स्थल पर पहुॅच कर महाराजा सुहेलदेव जी की अश्वरोही प्रतिमा को नमन करने के पश्चात स्मारक स्थल एवं चित्तौरा झील की निर्माणाधीन विकास परियोजना मन्दिर, घाट, महाराजा सुहेल देव जी की मूर्ति, भव्य द्वार, पार्किंग स्थल, बाउण्ड्रीवाल इत्यादि कार्यों की गुणवत्ता एवं प्रगति का जायज़ा लेते हुए कार्यों की प्रगति एवं गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया।

स्मारक स्थल का निरीक्षण करते हुए प्रमुख सचिव श्री मेश्राम ने निर्देश दिया कि स्मारक स्थल की भव्यता के अनुसार यहां पर लैण्ड स्केपिंग व ग्रासिंग का कार्य कराया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि लैण्ड स्केपिंग व ग्रासिंग के कार्य में वन व उद्यान विभाग की मदद ली जाय। चित्तौरा झील के निरीक्षण के दौरान मा. मंत्री ने राजस्व विभाग को झील की पैमाईश कराने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिया कि झील के चारों ओर पाथ-वे के साथ-साथ झील की साफ-सफाई, बोटिंग सुविधा व अन्य सौन्द्रर्यीकरण के प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। पर्यटन अधिकारी को निर्देश दिया गया कि परिसर में फसाड लाईट तथा वीआईपी गेस्ट हाउस तथा हाल के साज-सज्जा के लिए प्रस्ताव तैयार करने निर्देश दिये।

प्रमुख सचिव श्री मेश्राम ने कार्यदायी संसथा सी एण्ड डीएस व राजकीय निर्माण निगम को निर्देश दिया कि परिसर की साफ-सफाई तथा ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए पौधों में नियमानुसार वाटरिंग की जाय तथा पोघों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड भी लगवाया जाय। प्रमुख सचिव श्री मेश्राम ने पर्यटन सूचना अधिकारी को निर्देशित किया कि महाराजा सुहेलदेव के जीवन पर आधारित म्यूजियम की स्थापना हेतु प्रस्ताव भिजवायें ताकि आने वाले पर्यटकों महाराजा सुहेलदेव जी के जीवन के बारे में जानकारी हो सके। उन्होनें स्नानघाट का निरीक्षण करने के दौरान निर्देश दिया कि स्नानघाट के आस-पास साफ-सफाई के बेहतर प्रबन्ध किये जायें। उन्होंने स्मारक स्थल व परिसर को विभिन्न पकार के पौधों से आर्कषक बनाये जाने का सुझाव दिया ताकि पर्यटकों को स्मारक स्थल का भ्रमण करने पर सुकून का एहसास हो।

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