योगी आदित्यनाथ बनेंगे सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के ध्वाजावाहक
श्रीमती संजुला सिंह
महाकुंभ 2025 की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। संसार के सबसे बडे आध्यात्मिक ,धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का गवाह बनने को संगम नगरी तैयार है।उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुंभ को अदभुत और यादगार बनाने मे कोई कोर कसर नही छोड़ रही।मुख्यमंत्री स्वयं हर पहलू और तैयारी पर खुद नजर बनाए हुए है।इस आयोजन मे आने वाले श्रद्धालुओं और साधु संतों की सुविधाओं पर सरकार विशेष ध्यान रख रही हैं। महाकुंभ 2025 को भव्य और दिव्य बनाने श्रृद्धालुओ की सुरक्षा हेतु सरकार हाईटेक तकनीक का भी प्रयोग कर रही हैं।रेलवे और परिवहन विभाग भी श्रृद्धालुओ की सुविधाओं हेतु सभी जरूरी उपाय कर रहा है।प्रयागराज को सभी शहरों से जोडऩे के लिए मेला स्पेशल ट्रेन और बसे चलाई जा रही हैं।परिवहन विभाग प्रयागराज क्षेत्र मे 350 शटल सेवा संचालित करेगा।व्यवस्था सुचारू एवं सुदृढ बनाए रखने के लिए अधिकारियों की टीम तैनात होगी।नई बसों का प्रयोग किया जायेगा औय सभी बसों पर महाकुंभ का लोगों लगाया जायेगा।इतना ही नही मुख्य स्नान पर्वो पर श्रृद्धालु निःशुल्क यात्रा कर सकेंगें।मल्टी लैंग्वेज एसिस्टेंस,चैटबाँट,डेडिकेटेड कांउटर्स वैश्विक मानकों के अनुरूप होगा।डिजिटल महाकुंभ के जरिये पहली बार समुद्र मंथन समेत महाकुंभ से जुड़े विभिन्न पहलुओं को वर्चुअल रिएलिटी में श्रृद्धालु अनुभव कर सकेंगे।कनेक्टिविटी अकामोडेशन, फूडिंग-लाजिग जैसे मानकों को ध्यान मे रखकर की गई व्यवस्था महाकुंभ में आने वालो को लाइफटाइम न भूलने वाला एक्सपीरियंस देगी।महाकुंभ में सरकार हवा मे भी शुरू की श्रद्धालुओं की सुरक्षा और पहरेदारी । महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए शक्तिशाली एन्टी ड्रोन तैनात किया है। इसके लिए अनुभवी विशेषज्ञों को भी तैनात किया गया है । सरकार द्वारा महाकुंभ से पहले प्रयागराज पूरी तरह से लेवल रेल क्रॉसिंग से मुक्त हो जाएगा । शहर और लगभग आस पास के सभी लेवल रेल क्रॉसिंग बना रही है आरओवी और आरयूवी । साध संयासी और अखाड़े लाव लस्कर के साथ मेला क्षेत्र में प्रवेश करने लगे हैं ।
माना जा रहा है कि महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालु आएंगे लेकिन सरकार की तैयारी 100 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए होगी । दस हजार एकड़ क्षेत्रफल में कुंभ का विस्तार किया गया है । माना जा रहा है कि मौनी अमावस्या पर मुख्य मुहुर्त में 6 करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे लेकिन तैयारी 10 करोड़ की ,की जा रही है । इतना ही नहीं खोया पाया के बारे में एआई टूल भाषणी एप की माध्यम से भारत की ग्यारह भाषाओं को समाहित किया गया है जिससे कि हर व्यक्ति अपनी भाषा में जानकारी प्राप्त कर सकेगा ।
कुंभ में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्ति की गिनती सरकार के पास होगी जिस के लिए सरकार डिजिकल टेकनीक का सहारा ले रही है । जीरो लिक्विड डिस्चार्ज डेढ़ लाख शौचालय का निर्माण किया जा रहा है । सबसे अच्छी बात यह है कि यह कुंभ सिंगल यूज प्लास्टिक फ़्री कुंभ होगा । जहां एक ओर महाकुंभ 2025 में
अध्यात्म , भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का भव्य और दिव्य स्वरूप दीखेगा तो दूसरी तरफ आस्था व आधुनिकता का संगम भी दिखाई देगा । पहली बार संगम में पक्के घाट के दर्शन होंगे और पहली बार ही गंगा नदी पर भी रीवा फ्रंट देखने को मिलेगा ।
अक्षय वट , सरस्वती कूप, बड़े हनुमान मंदिर और महर्षि भारद्धाज आश्रम कॉरीडोर बनकर तैयार हो गया है । सरकार व उसकी टीम द्वारा देश के विभिन्न प्रदेशों में विशिष्ट व्यक्तियों को मुख्यमंत्री स्वयं व उनके मंत्रीगण निमंत्रण दे रहे हैं व रोड शो कर रहे हैं। महाकुंभ 2025 में विदेशों से आने वाले अनिवासी भारतीय श्रद्धालुओं व विदेशी पर्यटकों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। एनआरआई व विदेशी पर्यटकों के लिए सुविधाओं के उच्चतम
प्रतिमान गढ़ रहा है महाकुंभ 2025 । सकल विश्व में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर विख्यात कुंभ मेला अब महाकुंभ 2025 के नए स्वरूप में सनातन संस्कृति की शाश्वत प्रकृति को दर्शाने के लिए तैयार है । यह मोक्ष , आत्मिक , अध्यात्मिक , उन्नति , स्व से साक्षात्कार के साथ ही एक ऐसा अनुभव होने जा रहा है जिसे हर व्यक्ति जीवन में एक बार महसूस करना अवश्य चाहेगा । धवल वर्ण गंगा, श्यामल वर्ण यमुना व अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम को लगभग 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक दिव्यता एवं भव्यता के साथ देख व महसूस कर सकेंगे ।
संसार के सबसे बड़े आध्यात्मिक , धार्मिक जन समागम को भव्य व दिव्य बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार पूरी तन्मयता से जुटे हुए दिखाई दे रहे हैं । देखना है कि योगी सरकार की मेहनत इस अदभूत और अनूठे आयोजन से पूरे विश्व को शांति , अमन व आध्यात्मिक संदेश देने में कितना सफल हो पाती है, लेकिन वास्तव में इस प्रकार के आयोजन से भारत में सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक प्रवृति की ध्वजा बुलंद होगी ऐसा मेरा मानना है ।