अगरतला,उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज महाकुंभ 2025 के प्रचार अभियान के तहत त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में एक भव्य रोड-शो आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों और सांस्कृतिक समूहों ने भाग लिया। यह रोड-शो भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक परंपराओं और महाकुंभ के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का प्रभावशाली माध्यम बना।
उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा एवं उपभोक्ता मामले मंत्री आशीष पटेल और व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने इस रोड-शो का नेतृत्व किया। इस अवसर पर दोनों मंत्रियों ने महाकुंभ 2025 के महत्व और तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में होगा, जो मां गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम तट पर आयोजित किया जाएगा।मंत्री आशीष पटेल ने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का स्पंदन बताया और कहा कि यह आयोजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को सशक्त करता है। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने महाकुंभ को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताते हुए इसे धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक जागरूकता का भी द्योतक बताया। दोनों मंत्रियों ने त्रिपुरा के नागरिकों को महाकुंभ में भाग लेने का आमंत्रण दिया।महाकुंभ 2025 की तैयारियों में डिजिटल पहलें भी शामिल हैं, जैसे महाकुंभ की वेबसाइट, मोबाइल ऐप, और 11 भाषाओं में एआई आधारित चैटबॉट। इसके अलावा, स्वच्छता, पर्यावरण और सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मेला क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक शौचालय, 5,000 यूरिनल और 1,500 गंगा सेवकों की तैनाती की गई है, और 2,750 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पतालों और आईसीयू की व्यवस्था की गई है।इसके अलावा, प्रयागराज के ऐतिहासिक मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया है और शहर को सजाने के लिए 35 लाख वर्गफुट क्षेत्र में वॉल पेंटिंग्स बनाई गई हैं। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए 101 स्मार्ट पार्किंग स्थल भी बनाए गए हैं।महाकुंभ 2025 को दिव्य, भव्य और अद्वितीय बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं, और यह आयोजन भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का एक अनूठा अवसर बनेगा।