लखनऊ(आरएनएस ) प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर विभागीय अधिकारियों के साथ जिला उद्यान विकास निधि की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के राजकीय सार्वजनिक और अलंकृत उद्यानों/पार्कों के विकास एवं प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गई।
उद्यान मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी संचालित राजकीय सार्वजनिक और अलंकृत उद्यानों/पार्कों में समितियों का गठन शीघ्र सुनिश्चित किया जाए, ताकि इनका समुचित प्रबंधन और रख-रखाव हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि इन उद्यानों का स्वामित्व राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराया जाए, जिससे इनके विस्तार और विकास की प्रक्रिया बाधारहित हो सके। अलंकृत उद्यानों और पार्कों में नवाचार के प्रस्ताव अति शीघ्र भेजे जाएं।दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि उद्यानों का विस्तार केवल हरियाली तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इन्हें ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ जोड़ा जाना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा और राज्य के पर्यटन तथा सांस्कृतिक धरोहरों को भी बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में मंत्री ने जिला उद्यान विकास निधि पर विशेष जोर देते हुए कहा कि प्रदेश के 50 जनपदों में राजकीय सार्वजनिक और अलंकृत उद्यान स्थापित हैं, जो स्थानीय लोगों को स्वस्थ वातावरण प्रदान करते हैं। इन उद्यानों के प्रबंधन और विकास में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिला उद्यान विकास समिति का संशोधित शासनादेश जारी किया गया है। अब तक 14 जनपदों में समिति का गठन हो चुका है, जिनमें अलीगढ़, बस्ती, झांसी, अयोध्या, रायबरेली, लखनऊ, प्रयागराज, जौनपुर, वाराणसी, मथुरा, आगरा, मैनपुरी, सहारनपुर और गोरखपुर शामिल हैं।उद्यान मंत्री ने निर्देश दिए कि इन 14 जनपदों में जिला उद्यान विकास समिति की बैठक एक सप्ताह के भीतर कराई जाए और उसकी कार्यवृत्त भी जारी की जाए। इसके अलावा, शेष 36 जनपदों में भी शीघ्र जिला उद्यान विकास समिति गठित कराते हुए बैठकों का आयोजन सुनिश्चित किया जाए, ताकि उद्यानों का समुचित प्रबंधन और रखरखाव हो सके।बैठक में अपर मुख्य सचिव उद्यान बी.एल. मीणा सहित उद्यान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न उप निदेशक एवं जिला उद्यान अधिकारियों ने भाग लिया।
उद्यान मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी संचालित राजकीय सार्वजनिक और अलंकृत उद्यानों/पार्कों में समितियों का गठन शीघ्र सुनिश्चित किया जाए, ताकि इनका समुचित प्रबंधन और रख-रखाव हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि इन उद्यानों का स्वामित्व राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराया जाए, जिससे इनके विस्तार और विकास की प्रक्रिया बाधारहित हो सके। अलंकृत उद्यानों और पार्कों में नवाचार के प्रस्ताव अति शीघ्र भेजे जाएं।दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि उद्यानों का विस्तार केवल हरियाली तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इन्हें ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ जोड़ा जाना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा और राज्य के पर्यटन तथा सांस्कृतिक धरोहरों को भी बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में मंत्री ने जिला उद्यान विकास निधि पर विशेष जोर देते हुए कहा कि प्रदेश के 50 जनपदों में राजकीय सार्वजनिक और अलंकृत उद्यान स्थापित हैं, जो स्थानीय लोगों को स्वस्थ वातावरण प्रदान करते हैं। इन उद्यानों के प्रबंधन और विकास में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिला उद्यान विकास समिति का संशोधित शासनादेश जारी किया गया है। अब तक 14 जनपदों में समिति का गठन हो चुका है, जिनमें अलीगढ़, बस्ती, झांसी, अयोध्या, रायबरेली, लखनऊ, प्रयागराज, जौनपुर, वाराणसी, मथुरा, आगरा, मैनपुरी, सहारनपुर और गोरखपुर शामिल हैं।उद्यान मंत्री ने निर्देश दिए कि इन 14 जनपदों में जिला उद्यान विकास समिति की बैठक एक सप्ताह के भीतर कराई जाए और उसकी कार्यवृत्त भी जारी की जाए। इसके अलावा, शेष 36 जनपदों में भी शीघ्र जिला उद्यान विकास समिति गठित कराते हुए बैठकों का आयोजन सुनिश्चित किया जाए, ताकि उद्यानों का समुचित प्रबंधन और रखरखाव हो सके।बैठक में अपर मुख्य सचिव उद्यान बी.एल. मीणा सहित उद्यान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न उप निदेशक एवं जिला उद्यान अधिकारियों ने भाग लिया।
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