दिल्ली स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में हिंदी शिक्षकों का किया गया सम्मान 

बस्ती – शनिवार को दिल्ली स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में उल्लास और संकल्पों के साथ हिंदी दिवस मनाया गया । प्रधानाचार्य गोपाल त्रिपाठी ने हिन्दी दिवस पर हिन्दी के महत्व पर अपने विचार रखे । दिल्ली स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में हिन्दी दिवस पर शिक्षक शिक्षिकाएं  सम्मानित हुई।

प्रधानाचार्य गोपाल त्रिपाठी ने कहा कि 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इस दिन का काफी ऐतिहासिक महत्त्व था। ऐसे में हिंदी को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने यह दिन हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाना तय किया। 1953 में 14 सितंबर को पहला आधिकारिक हिंदी दिवस मनाया गया। हिंदी भाषा भारत के अलग अलग राज्यों के अलग अलग धर्मों, जातियों, संस्कृति, वेशभूषा व खान-पान वाले लोगों को एकता के सूत्र में बांधती है। देश को एक रखती है। इतना ही नहीं हिंदी विदेशों में बसे भारतीयों को आपस में जोड़ने का काम भी करती है। हिंदी अलग अलग क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के दिलों की दूरियों की मिटाती है। हिंदी के बढ़ावा देने के लिहाज से हिंदी दिवस का महत्त्वपूर्ण स्थान है।

इस अवसर पर कोऑर्डिनेटर हर्षिता पांडे, वंदना पांडे, उप प्रधानाचार्य गणेश राम और दिनेश त्रिपाठी एवं रेनू पांडे, सीमा सिंह, राजेश टंडी एवं अन्य शिक्षकों की उपस्थिति में हिंदी शिक्षक दिनेश यादव, वेद प्रकाश सिंह, माया त्रिपाठी, सोनाली, अन्जू मिश्रा को शाल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

बच्चों के बीच में भी हिंदी दिवस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हिंदी में किया गया। विद्यालय परिवार अपने समस्त शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सदा उत्साहित करता रहता है।”