अनुराग लक्ष्य 15 मई
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,
मुम्बई संवाददाता।
कभी मैंने यह कहा था कि,
,है भारत क्या जहां को फिर दिखाने की ज़रूरत है
है ताकत क्या हमारी फिर बताने की ज़रूरत है
दहल जायेगी यह दुनिया मेरे भारत की तोपों से
तिरंगे को इन हाथों में उठने की ज़रूरत है,
लेकिन लग रहा है कि जैसे यह मेरा ख्वाब अधूरा ही रह जायेगा। क्योंकि जैसे जैसे लोकसभा चुनाव 2024 अपनी मंज़िल तय कर रहा है, वैसे वैसे इस मुल्क की सियासत कुछ अलग ढंग से ही देश की जनता को दिखाई दे रही है।
खासकर महाराष्ट्र राज्य की सियासत शिवसेना vs शिवसेना पूरी तरह तैयार हो चुकी है, अपनी अपनी सरकार बनाने के लिए। आगामी 20 मई को महाराष्ट्र की जनता यह तय करेगी कि इस लोकसभा चुनाव 2024 की सियासत का ताज किसके सर पर होगा। मौसम की गर्मी के साथ साथ महाराष्ट्र की सियासी ज़मीन की तपिश धीरे धीरे दहकते सूरज की मानिंद होती जा रही है।
इधर कुछ दिनों से जो वाद प्रतिवाद का दौर चल रहा है , उससे तो यही साबित हो रहा है कि आने वाली 20 तारीख तक यह तपिश और बढ़ेगी।
वजह चाहे जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि जिस तरह पिरयांका चतुर्वेदी के बयान पर संजय निरुपम ने पलटवार किया, या शरद पवार जी द्वारा छेत्रीय दलों को लेकर टिप्पणी का मामला सामने आया। साथ ही मुख्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने शरद पवार की टिप्पणी को लेकर उद्धव ठाकरे को निशान बनाना। इन सारे पहलुओं पर अगर गौर किया जाए तो शायद यही तस्वीर साफ दिखाई दे रही है कि शिवसेना vs शिवसेना की जंग अभी जारी है। जिसका परिणाम महाराष्ट्र की जनता के हाथ है। जिसका इंतज़ार भी लोग बेसब्री से कर रहे हैं।