बस्ती। गुरूवार को आदर्श समायोजित शिक्षक, शिक्षा मित्र वेल्फेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राम पराग चौधरी के नेतृत्व में पदाधिकारियों, शिक्षा मित्रोें के प्रतिनिधि मण्डल ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को सौंपा। मांग किया कि शिक्षा मित्रोें की समस्याओं का समाधान कर उन्हें समान कार्य समान वेतन के अनुरूप सुविधायें उपलब्ध करायी जाय।
ज्ञापन सौपते हुये जिलाध्यक्ष राम पराग चौधरी ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा मित्रों की स्थिति दयनीय है और वे घोर उपेक्षा के शिकार है। सभी 147766 शिक्षा मित्र स्नातक, परास्नातक, बीटीसी है और शिक्षक होने की अर्हता पूरी करते है। लगभग 48 हजार शिक्षा मित्र टीईटी उत्तीर्ण भी है किन्तु वे मात्र 10 हजार रूपये के अल्प मानदेय पर कार्य करने को बाध्य है। बताया कि उत्तराखण्ड, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, दिल्ली सहित अनेक राज्यों में शिक्षा मित्रों की तरह भिन्न-भिन्न नामों से शिक्षण कार्य करने वालोें को 24 से 40 हजार रूपये तक का मानदेय प्राप्त हो रहा है किन्तु उत्तर प्रदेश में 10 हजार रूपये में जिविका चलाना मुश्किल है। मांग किया कि शिक्षा मित्रों को शिक्षकों की भांति समान कार्य समान वेतन प्रदान करने के साथ ही 62 वर्ष तक सेवा का अवसर और शिक्षकों की भांति सुविधायें, स्थानान्तरण, मृतक आश्रितों के नौकरी की व्यवस्था आदि की सुविधायें प्रदान की जाय।
ज्ञापन सौपते हुये जिलाध्यक्ष राम पराग चौधरी ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा मित्रों की स्थिति दयनीय है और वे घोर उपेक्षा के शिकार है। सभी 147766 शिक्षा मित्र स्नातक, परास्नातक, बीटीसी है और शिक्षक होने की अर्हता पूरी करते है। लगभग 48 हजार शिक्षा मित्र टीईटी उत्तीर्ण भी है किन्तु वे मात्र 10 हजार रूपये के अल्प मानदेय पर कार्य करने को बाध्य है। बताया कि उत्तराखण्ड, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, दिल्ली सहित अनेक राज्यों में शिक्षा मित्रों की तरह भिन्न-भिन्न नामों से शिक्षण कार्य करने वालोें को 24 से 40 हजार रूपये तक का मानदेय प्राप्त हो रहा है किन्तु उत्तर प्रदेश में 10 हजार रूपये में जिविका चलाना मुश्किल है। मांग किया कि शिक्षा मित्रों को शिक्षकों की भांति समान कार्य समान वेतन प्रदान करने के साथ ही 62 वर्ष तक सेवा का अवसर और शिक्षकों की भांति सुविधायें, स्थानान्तरण, मृतक आश्रितों के नौकरी की व्यवस्था आदि की सुविधायें प्रदान की जाय।
ज्ञापन देने वालों में बाल गोपाल शुक्ला, राघवेंद्र उपाध्याय, लालता प्रसाद, संदीप सिंह, अवधेश श्रीवास्तव, शिवनाथ वर्मा, विजय बहादुर यादव सत्येन्द्र शुक्ला, सरफराज अहमद, पंकज सिंह, धनंजय सिंह, राधेश्याम पाल, जिज्ञासु राव, रवि प्रकाश के साथ ही अनेक शिक्षा मित्र शामिल रहे।
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