राम की नगरी में 14 जनवरी से 22 जनवरी तक 9 दिवसीय 1008 कुंडीय हनुमान महायज्ञ होगा

श्रीराममन्दिर उद्घाटन को भारतीय पुनर्जागरण का परिवर्तनकारी योग – स्वामी रामभद्राचार्य जी महा

महेन्द्र कुमार उपाध्याय/अनुराग लक्ष्य संवाददाता
अयोध्या 13 जनवरी  जय श्री सीताराम की कृपा से 22 जनवरी 2024 को अयोध्या धाम में श्री रामलला जन्मस्थान के भव्य उद्घाटन के ऐतिहासिक अवसर तथा जगगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के जन्मोत्सव 14 से 22 जनवरी 2024 का सुयोग बन रहा है। श्रीराममन्दिर उद्घाटन को भारतीय पुनर्जागरण के परिवर्तनकारी बिन्दु के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही पूज्य गुरुदेव के अमृत वर्ष में प्रवेश उनके शिष्यों के लिए उत्साह और उत्सव का अवसर है। इस सुयोग को भारतीय जनमानस की सेवा का पावन अवसर मानकर रामानन्द मिशन ने दिनांक 14 जनवरी से 22 जनवरी 2024 तक 9 दिवसीय 1008 कुंडीय हनुमन महायज्ञ, श्रीरामकथा, संवाद व भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प लिया है। पूज्य गुरुदेव द्वारा अखण्ड भारत के लिए भक्तमाल की बगिया में निर्मित विशाल यज्ञशाला में महाबली हनुमान जी को सवा करोड़ आहुतियाँ प्रदान करने का संकल्प लिया है। यज्ञसम्राट बालक योगेश्वरदास जी महाराज के मार्गदर्शन तथा यज्ञाचार्य बालकृष्ण शर्मा जी के नेतृत्व में प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से 12 बजे तक 1200 ब्राह्मणों के सहयोग से हवन किया जाएगा। 22 जनवरी को श्री राममन्दिर उद्घाटन के पावन अवसर पर इस यज्ञ की पूर्णाहुति होगी। यज्ञ में शामिल यजमानों को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए देश के वरिष्ठतम संतों का आगमन हो रहा है। पूज्य गुरुदेव के श्रीमुख से भक्तमाल की बगिया में निर्मित भव्य रामायणम् मण्डप में प्रतिदिन सायं 04:00 से 06:00 तक श्रीरामकथा का वाचन होगा। वर्तमान समय में श्री रामकथा के सबसे विश्वसनीय प्रवक्ता जगगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज से कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह है। उनको पूरी सुविधा प्रदान करने के लिए विशाल पंडाल, प्रसाद, जल तथा चाय प्रसाद की व्यवस्था की गई है। देश के प्रसिद्ध कलासाधकों द्वारा प्रतिदिन दो चरणों में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। अपराह्न 2 से 3:30 तक पहली प्रस्तुति होगी तथा सायं 06:30 से 08:30 तक दूसरी प्रस्तुति होगी। 14 जनवरी को पद्मश्री मालिनी अवस्थी, 15 को शर्मा बंधु, 17 को पद्मश्री हेमा मालिनी, 18 को कन्हैया मित्तल, 19 को मनोज मुंतशिर शुक्ल, 20 को पद्मश्री अनूप जलोटा, 21 को कुमार विश्वास, 22 को संस्कृति कला संगम द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पद्मश्री नलिनी कमलिनी, पद्मश्री सुनील जोगी, अनामिका जैन अम्बर, मनोज तिवारी, रवि किशन, दिनेश लाल यादव निरहुआ इत्यादि सहित 30 कलासाधकों द्वारा पूज्य गुरुदेव के प्रति अपने भाव प्रकट करेंगे।प्रतिदिन 11 बजे से 01 बजे तक समाज के प्रबुद्ध वर्ग के 75 लोगों के साथ पूज्य गुरुदेव का संवाद होगा। इसमें दिव्यान्ग, आदिवासी, पद्म पुरस्कार सम्मानित, विधिवेत्ता, शिक्षाविद, प्रवासी भारतीय हिन्दू पत्रकार आदि शामिल हैं। पूज्य गुरुदेव ज्ञान के अभिलेखागार माने जाते हैं। उनके साथ प्रबुद्ध लोगों के संवाद से समाज को ज्ञान का अमृत प्राप्त होने की संभावना है। बिहार से आए हुए कलाकारों द्वारा रंग बिरंगे 75000 दीपकों के माध्यम से पूज्य गुरुदेव का स्वरूप उकेरा जाएगा जो व्यक्तिगत स्वरूप के दीपोत्सव का एक विश्व रिकार्ड होगा। यज्ञशाला की परिक्रमा तथा श्रीराम कथा का श्रवण परम सौभाग्य की बात है। श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के लिए खुला प्रवेश रखा गया है। इसके साथ ही अनवरत लंगर, पानी तथा चाय सेवा का प्रबन्ध किया गया है।

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