अयोध्या की चौदह कोसी परिक्रमा में उमडे़ श्रद्धालु

अयोध्या। 21 नवंबर रामनगरी अयोध्या की ऐतिहासिक चैदह कोसी परिक्रमा सोमवार को देर रात शुभ मुहूर्त से पहले ही शुरू हो गई। आस्था के पथ पर लाखों पग निकल पड़े। परिक्रमा पथ पर रामचरित मानस की चैपाइयों की गूंज के साथ जय श्रीराम, राम-राम और सीताराम के स्वर ध्वनित हो रहे थे। परिक्रमा को देखते हुए रामनगरी में यातायात डायवर्जन लागू कर दिया गया है। अयोध्या में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। चैदह कोसी परिक्रमा में जैसे-जैसे रात चढ़ती गई, आस्था के पथ पर श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती रही। सुबह होते-होते अयोध्या और अयोध्या धाम मानव-श्रृंखला में बंध सी गई ऐसा लग रहा है जैसे कि दोनों नगरों को भक्तों की माला पहना दी गई है। श्रद्धालुओं ने परिक्रमा पथ पर अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार पहले से निश्चित किए गए स्थान से परिक्रमा के लिए कदम बढ़ाया अयोध्या, दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सहादतगंज, अफीम कोठी आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा करनी शुरू कर दी। नयाघाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने रात में ही पावन सलिला सरयू में डुबकी लगाई और परिक्रमा मुहूर्त का इंतजार करने लगे। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह-जगह सेवा शिविर भी लगे हुए हैं जलपान से लेकर चिकित्सा के पूरे इंतजाम परिक्रमा पथ पर किये गये है। अयोध्या में उमड़े भक्तों पावन सलिला सरयू में डुबकी लगाकर विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन भी कर रहे है।  चैदहकोसी परिक्रमा में प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा की कमान एटीएस व आरएएफ ने संभाल ली है। मेले की निगरानी सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों से की जा रही है। परिक्रमा पथ के छह संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से प्रत्येक गतिविधि पर निगाह रखी जा रही है
ऐसी मान्यता है कि कार्तिक अक्षय नवमीं पर भगवान श्रीराम की नगरी की परिक्रमा करने से सभी पाप धुल जाते हैं और कभी भी अपने दुश्मनों से पराजय नहीं होती है इसी मान्यता के साथ देश भर से लाखों श्रद्धालु अयोध्या में चैदह कोसी परिक्रमा करने पहुंचते है।  श्री राम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार अक्षय नवमी पर 14 कोसी परिक्रमा होती है और अक्षर का अर्थ होता है जो कभी क्षय नहीं होता और किए गए कर्म कभी नष्ट नहीं होते हैं। अक्षय नवमी के दिन देशभर में जहां भी तीर्थ स्थान हो उस स्थान की परिक्रमा करनी चाहिए। उन्होंने बताया परिक्रमा करने से मानव को धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी लाभदाई होता है। 21 नवम्बर  दिन मंगलवार को चैदह कोसी परिक्रमा अक्षय नवमी जो 20 व 21 नवम्बर 2022 की रात्रि 02ः09 बजे से प्रारम्भ होकर  21 नवम्बर  की रात्रि 11ः38 बजे तक तथा पंचकोसी परिक्रमा एकादशी  22 नवम्बर को रात्रि 09ः25 बजे से प्रारम्भ होकर 23 नवम्बर  को सायं 07ः21 बजे तक व कार्तिक पूर्णिमा स्नान  26 नवम्बर को दोपहर 03ः11 बजे से प्रारम्भ होकर दिनांक 27 नवम्बर  को दोपहर 02ः36 बजे तक आयोजित होगी।

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