वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करना है। टी बी मुक्त पंचायत इनिशिएटिव का शुभारंभ विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर 24 मार्च 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वाराणसी में की थी। टी बी मुक्त पंचायत एवं फैमिली केयर गिवर मॉडल पर प्रदेश स्तर पर राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।
ब्लॉक स्तर पर ग्राम पंचायतों में टीबी के लक्षणों, जांच एवं इलाज पर चर्चा होने के लिए, पंचायत की विकास योजनाओं में टी बी मुक्त पंचायत की गतिविधियों को शामिल किये जाने तथा टीबी मुक्त पंचायत करने हेतु समस्त ग्राम प्रधान, CHO, ग्राम्य विकास अधिकारी को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु जनपद स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स को दिनांक 9 अक्टूबर और 10 अक्टूबर को जनपद के प्रत्येक ब्लाक के 3 मास्टर ट्रेनर को नामित करते हुए प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर रमा शंकर दूबे ने बताया कि टी बी मुक्त पंचायत अभियान के पहले चरण में जिला स्तरीय प्रशिक्षक ब्लाक स्तर पर ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत मित्र,CHO, आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री को प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण लेने के बाद यह लोग समुदाय को टी बी के लक्षण , रोक थाम , भ्रांतियों को दूर करने, उपचार जांच एवं उपलब्ध सुविधाओं के बारे में लोगो को जागरूक करेंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर ए के मिश्रा ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा ग्राम पंचायत को टी बी मुक्त पंचायत बनाना है जिसके लिए प्रत्येक वर्ष के प्रथम त्रैमास में ग्राम पंचायतो के क्लेम और सत्यापन कार्य किये जायेंगे तथा प्रत्येक वर्ष के मार्च माह के 24 तारीख को जिलाधिकारी के द्वारा टी बी मुक्त पंचायत को प्रमाणपत्र एवं महात्मा गांधी जी की प्रतिमा प्रदानकर सम्मानित किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक टीबी चिकित्सालय बस्ती डॉक्टर राम प्रकाश ने क्षय रोग के लक्षण की जानकारी, संक्रमण के फैलाव की जानकारी तथा निःशुल्क जांच एवं इलाज हेतु संभावित क्षय रोगी को निकटतम सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने हेतु ग्राम प्रधान को जागरूक करने के लिए कहा। समाज में टीबी रोग के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने का सलाह दिया गया।
गांव को टीबी मुक्त घोषित करने से पहले स्टेट और जनपद की टीम गांव पहुंचेगी जो की पांच बिंदुओं पर समीक्षा करेगी।
राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर डॉ सैयद मोईन अख्तर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री अखिलेश चतुर्वेदी द्वारा विस्तृत रूप से ट्रेनिंग के सभी मॉड्यूल पर चर्चा किया गया और सभी के जिम्मेदारियों के बारे में लोगो को बताया गया। ग्राम पंचायत विकास योजना में टी बी मरीजो के सहयोग हेतु योजना तैयार करना तथा जनांदोलन बनाते हुए एकजुट होकर कार्य करने के बारे में बताया गया। टी बी मुक्त पंचायत हेतु विभिन्न इंडिकेटर पर चर्चा किया।
*इन पांच बिंदुओं पर होगी समीक्षा।*
1. गांव में टीबी संदिग्धों में 30 या इससे अधिक मरीज होना अनिवार्य ।
2. जांच में प्रति हजार एक या इससे कम मरीज में टीबी की पुष्टि हो।
3. गांव में पहले से मौजूद टीबी मरीजों में 85% का सही होना अनिवार्य।
4. कुल मरीजों में से 60% का ससेप्टीबिलिटी टेस्ट (बीमारी के अनुरूप इलाज चलना )अनिवार्य।
5A. निक्षय पोषण योजना में सभी रोगियों को कम से कम एक किस्त,(₹1000 )उनके खाते में पहुंचना अनिवार्य।
5B. प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत सभी क्षय रोगियों को पोषण सहायता।
इस अवसर पर पंचायती राज विभाग के नामित सभी अधिकारी गण , स्वास्थ्य विभाग के ब्लॉक स्तरीय नामित जनपद के सभी मास्टर ट्रेनर उपस्थित रहे। प्रशिक्षण के अंत में सभी प्रतिभागी को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।