महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या । हनुमानगढ़ी में एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक परंपरा की शुरुआत होने जा रही है। गद्दी नशीन महंत प्रेमदास सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए आगामी अक्षय तृतीया, 30 अप्रैल को भगवान राम लला के दरबार में हाजिरी लगाएंगे। यह हनुमानगढ़ी के इतिहास में पहली बार होगा जब कोई गद्दी नशीन महंत 52 बीघा की सीमा से बाहर निकलकर प्रभु राम लला के दर्शन करने जाएंगे। इस विशेष अवसर पर, महंत प्रेमदास सुबह 7:00 बजे सरयू नदी में शाही स्नान करेंगे। इसके पश्चात, वे भव्य शोभायात्रा के साथ भगवान राम लला के दरबार की ओर प्रस्थान करेंगे। सरयू घाट से लेकर राम लला के मंदिर तक के मार्ग में 40 स्थानों पर पुष्प वर्षा की जाएगी। इस दिव्य दृश्य को और भी मनोहारी बनाने के लिए हेलीकॉप्टर से भी फूलों की वर्षा की जाएगी। शोभायात्रा में हाथी, घोड़े और ऊंट भी शामिल होंगे, जो इस ऐतिहासिक पल की भव्यता में चार चांद लगाएंगे। हनुमानगढ़ी की चारों पट्टियों – सागरीया पट्टी, उज्जैनिया पट्टी, बसंतिया पट्टी और हरिद्वार पट्टी के महंत और पंच भी इस यात्रा में शामिल होकर अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे। इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में गृहस्थ भी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे। सागरीया पट्टी के पंच संजय दास ने दावा किया है कि पिछले तीन महीनों से स्वयं हनुमान जी गद्दी नशीन महंत प्रेमदास को प्रभु राम लला के दर्शन करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। इस प्रेरणा के फलस्वरूप ही यह सदियों पुरानी परंपरा टूटने जा रही है और एक नई परंपरा का सूत्रपात हो रहा है। हनुमानगढ़ी की ओर से प्रभु राम लला को 56 प्रकार के विशेष भोग भी अर्पित किए जाएंगे। इस ऐतिहासिक महत्व को लेकर अयोध्या नगरी में उत्साह और भक्ति का माहौल है और श्रद्धालु इस अद्भुत पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह निश्चय ही अयोध्या के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा।