उन्मुक्त उड़ान मंच. आपका अपना साहित्यिक मंच का शुभारंभ ईश्वरीय वन्दना से हुआ। उन्मुक्त उड़ान मंच की संस्थापिका व अध्यक्षा ने वीडियो के माध्यम सभी कर्तव्यनिष्ठ, कर्तव्य परायण, आस्थावान, समर्पित, सक्रिय, संकल्पित, नियमित, अनुशासित व संस्कारित परम स्नेही साहित्य मनीषियों का हृदय तल से आभार प्रकट करते हुए वंदन व अभिनंदन निम्न पंक्तियों से किया।
आओ दिल से दिल मिलाकर समरसता के दीप जलाएँ हम,
विद्या की अधिष्ठात्री माँ सरस्वती का मिलकर आवाहन करें हम,
प्यार और आस्था से जलाए ये दीपक कभी बुझे नहीं-
चलें कितनी भी आँधियाँ हाथ में हाथ मिलाकर दीपों की रक्षा करें हम॥
भाव व श्रद्धा से माँ सरस्वती की वंदना गा कर
उन्मुक्त उड़ान परिवार के उज्जवल साहित्यिक भविष्य व निर्विघ्न अनवरत लेखन के लिए मंगल कामना की।
सर्वप्रथम संजीव भटनागर “सज़ग” ने कृष्ण भक्ति में लीन होकर अति सुन्दर भजन गाकर आयोजन का शुभारंभ किया।
अशोक दोशी “दिवाकर “जी ने चिर परिचित आवाज़ में माँ शारदा की वन्दना कर संपूर्ण परिवार के लिए वहाँ से मंगल कामना का वरदान माँगा ।
सुरेश चंद्र जोशी “सहयोगी”जी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति में ईश्वर की स्तुति अरुण छंद में की।
डॉ पूर्णिमा पाण्डेय ने उपस्थित होकर है गौरी नंदन गणेश जी की वंदना की।
विजय पुरोहित “बिजु”जी ने ओम नमो शिवाय का जाप करते हुए शिव भोले का गुणगान सुन्दर भजन गाकर किया।
बिटिया अमिता गुप्ता “नव्या सुरभि”ने माँ वागेश्वरी से प्रार्थना करते हुए मधुरिम स्वर में अपनी प्रस्तुति दी।
बिटिया एकता गुप्ता “काव्या महक”ने अपने स्नेह सिक्त भावों से परिपूरित भावनाएँ प्रस्तुत कर गणपति जी का आवाहन किया ।
संगीता चमोली “इंदुजा” ने गीता जयंती के उपलक्ष में दो श्लोक सरलार्थ सहित व माँ वीणावादिनी की आराधना की ।
कुसुम लता “तरुषी” ने उपस्थित होकर बॉस जगदम्बे के चरणों में अपनी प्रार्थना रख आयोजन को गति प्रदान की।
किरण भाटिया “नलिनी”ने अत्यंत उल्लास व उमंगित हृदय से शुभकामनाओं और गणपति जी की वंदना से मंच को शोभायमान किया।
सिद्धि डोभाल “सागरिका”ने गीता जयंती की बधाई और माँ शारदे की वन्दना की।
वीना टंडन “पुष्करा”ने संपूर्ण परिवार को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए गणेश वंदना से आयोजन को भव्यता प्रदान की।
सरोज़ डिमरी ने अति सुंदर काव्यात्मक और गीतात्मक कृष्ण अर्जुन संवाद प्रस्तुत कर आयोजन को शोभायमान किया।
सुनील भारती “आज़ाद सौरभ”ने अत्यंत श्रद्धा व सम्मान सेपरिपूरित भावनाएँ व्यक्त कर माँ जगदम्बे के चरणों में भावपूर्ण गीत के माध्यम से अपने भाव रखे।
नीरजा शर्मा “अवनि”ने स्नेह सिक्त भावों से परिवार को भाव विभोर कर माँ शारदा से आशीर्वाद लिया।
अनु तोमर “अग्रजा”ने सभी को नमन करते हुए गौरा के लाल को सपरिवार पधारने का आवाहन किया।
अरुण ठाकर “ज़िंदगी कवित्त”ने जाने-पहचाने भावपूर्ण स्वर में माँ शारदे की वंदना कर मंच पर जादू बिखेर दिया।
विनीता नरुला “सुप्रसन्ना” ने नव मंच पर नव उत्साह से माँ सरस्वती की वन्दना की।
नंदा बमराडा “सलिला”ने मंच को दिए गए नाम उन्मुक्त का भाव सार्थक करते हुए ईश्वरीय वन्दना प्रस्तुत की।
डॉ.अनीता राजपाल “वसुंधरा”ने अपनी सहज मुस्कान से गागर में सागर भरते हुए विनम्र भाव से परम शक्ति के चरणों में अपनी प्रार्थना रखी।
सुमन किमोठी “वसुधा” श्लोकोच्चारण के उपरांत गणेश जी की वंदना की।
नीतू रवि गर्ग “कमलिनी”ने अत्यंत भक्ति भाव से प्रभु का गुणगान किया।
डॉ पूनम सिंह “सारंगी”ने भी ईश्वरीय अर्चना प्रस्तुत कर आयोजन को गति प्रदान की।
डॉ नवीन जोशी “नवल”ने अपनी गरिमा मयी उपस्थिति व बुलंद आवाज़ में शिव आराधना कर मंच को कृतार्थ किया।
दिव्या भट्ट “स्वयं”ने मुक्तकंठ से शुभकामनाएं देकर गजानन के चरणों में अरुण छंद में अपनी प्रस्तुति दे हर आयोजन को शोभायमान किया।
रेखा पुरोहित “तरंगिणी”ने हर्ष प्रकट करते हुए परिवार को शुभकामनाएं देकर आश्वस्त किया अनवरत सृजन के लिए व गौरी सुत गणपति की प्रार्थना की।
डॉ फूल चंद्र विश्वकर्मा “भास्कर”ने अत्यंत परिष्कृत भाषा में मंच के उत्तरोत्तर उन्नति के लिए माँ से प्रार्थना की।
स्वर्ण लता सोन “कोकिला” ने अपना वरदहस्त सब पर रखकर शुभाशीष दे कर कर्णप्रिय स्वर में सिद्धि विनायक विघ्न विनाशक गणपति जी की प्रार्थना की।
अंत में बिटिया अंजली वर्मा ने अपनी उल्लेखनीय व सराहनीय उपस्थिति दे कर आयोजन को चार चाँद लगा दिए।
संस्कृत में बेहद ख़ूबसूरत मनभावन मंत्र मुग्ध कर देने वाले स्वर में गणपति जी की आराधना प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया।
कार्यक्रम का समापन करते हुए उन्मुक्त उड़ान मंच की संस्थापिका व अध्यक्षा डॉ दवीना अमर ठकराल “देविका”ने कहा
आशा का सूरज निकलता रहे,
मंज़िल के मुसाफ़िर यूँ ही चलते रहें,
हम सबकी क़लम को यूँ ही भाव मिलते रहें,
एक दूसरे के लिए प्रेरणास्रोत बन हम सदा आगे बढ़ते रहें।
आयोजन के सभी प्रतिभागियों अत्यंत हर्षोल्लास कृष्ण कांत मिश्र “कमल”द्वारा प्रारूपित नयनाभिराम सम्मान पत्र *सुधारस सम्मान *से सम्मानित किया गया।
मंच अध्यक्षा को संपूर्ण आयोजन की समीक्षात्मक अभिव्यक्ति वीडियो के माध्यम से देने हेतु श्रेष्ठ विवेचक सम्मान से सम्मानित किया गया।
मंच अध्यक्षा ने सभी प्रतिभागियों का आभार निम्न पंक्तियों से कर भविष्य में भी इसी तरह आयोजन करवाने के लिए आश्वस्त किया।
किन शब्दों में करुं आभार आपका,
अनमोल,अतुलनीय है प्यार आपका।
पिरो कर एक-एक अति बहुमुल्य मोती,
अनमोल माला सजाना भा गया आपका।
आप सबकी उम्मीदों पर खरी उतर पाउूँ,
यही है कामना और प्रार्थना ईश्वर से,
यूँ ही सदा साथ मिलता रहे आपका॥