केवल भक्तों के लिए भगवान अवतार लेते है-राम दिनेशाचार्य

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या। दशरथ महल में श्री राम विवाह महोत्सव के पुनीत अवसर पर यशस्वी विंदु गद्याचार्य स्वामी  देवेन्द्र प्रसादाचार्य जी महाराज की अध्यक्षता एवं मंगल भवन पीठाधीश्वर स्वामी श्री कृपालु राम भूषण दास जी महाराज के व्यवस्थापकतव में यशस्वी कथा व्यास जगद गुरु रामानंदा चार्य स्वामी श्री राम दिनेशा चार्य जी महाराज के श्री मुख से हो रही श्री राम कथा का रस पान कर कथा श्रोता भक्त कृतकृत्य हो रहे हैं। स्वामी श्री राम दिनेशा चार्य जी महाराज कहते है,, सो केवल भक्तन हित लागी,, केवल भक्तों के लिए भगवान अवतार लेते हैं।परमात्मा को यदि सबसे ज्यादा प्रिय कोई है तो वे भक्त है। व्यास जी कहते है जितना परमात्मा को वंदन करोगे वैसे, वैसे भगवान बंधन में आयेंगे। भगवान ने अयोध्या में अवतार लिया, यह प्राकृत नगरी नहीं है। अपनी क्रीड़ा स्थली बनाने के लिए भगवान ने ब्रह्मा जी को आदेश दिया कि एक दिव्य नगरी का निर्माण करो। अयोध्या दिव्य नगर है, उससे भी दिव्य सरयू नदी है, जो पृथ्वी की प्रथम नदी है। जो कलि का कलुष है उसे मिटाने का सामर्थ्य है सरयू में। व्यास जी कहते है अयोध्या के निवासी भगवान को अतिशय प्रिय हैं । अयोध्या वासियों पर भगवान को बड़ी ममता है। गोस्वामी जी कहते हैं भगवान को अयोध्या वासी इतने प्रिय हैं कि एक अयोध्या वासी धोबी के लिए कोई न भगवान ने एक लोक बना दिया। यदि मुक्ति चाहते हो तो दशरथ जी के पुत्र श्री राम ही दिला सकते हैं । भक्ति, प्रेम वही दिला सकते हैं वे हैं धनुषधारी भगवान श्री राम। राम जी जब धनुष धारण करते हैं तो उनके नैन राजीव लोचन हो जाते हैं। भगवान राम एवं भगवान दोनों ही परमात्मा हैं। कथा व्यास जगद गुरु रामानंदा चार्य स्वामी श्री राम दिनेशा चार्य जी महाराज ने भरत जी के चरित्र का गुणानुवाद करते हुए कहा कि भरत जी महाराज भक्ति के आचार्य हैं, समर्पण, त्याग की प्रतिमूर्ति है भरत जी, यदि राम जी धर्म है तो भईया भरत जी धर्म की धुरी है। प्रयाग राज पहुंच कर भरत जी ने प्रयाग राज से वर मांगा भगवान श्री राम जी के चरणों में जन्म, जन्म रति मांगी। व्यास जी कहते है नाम की महिमा बड़ी अदभुत है, नाम महाराज जीव का कल्याण करते है। जिसने भी नाम का आश्रय लिया उसे गति मिल गई। इस पुनीत अवसर पर तन तुलसी द्वारा चार्य, मिथिला पीठाधीश्वर जगद गुरु रामानंदा चार्य स्वामी श्री विष्णु देवा चार्य जी महाराज,आञ्जनेय सेवा समिति के अध्यक्ष राम – कचहरी मंदिर के यशस्वी श्री महंत शशि -कांत दास जी महाराज, पंच मुखी हनुमान मंदिर परिक्रमा मार्ग अयोध्या के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री भानू दास – जी महाराज, जानकी कुंज के महंत श्री वीरेंद्र दास जो महाराज, अनेक धर्म शास्त्रों – की मर्मज्ञ, विदुषी डॉ सुनीता शास्त्री जी – सहित अन्य संत, महंत एवं बड़ी संख्या में – कथा श्रोता भक्त समुपस्थित हो श्री राम – कथा रस का पान कर स्वयं को कृतार्थ करते रहे।