तेरे नैन में डूब जाने का मन है

तेरे नैन में डूब जाने का मन है।।

समुंदर में उनके नहाने का मन है।।

मुहब्बत के नग़मे सुनाने का मन है।

तुझे दिल में अपने बसाने का मन है।

तुझे देखते-देखते वक़्त गुज़रे,

यूँ पहलू में मेरे बिठाने का मन है।।

बिना तेरे उजड़ा दिल का चमन था,

वहाँ फिर बहारें खिलाने का मन है।।

जुदा हम न हर्गिज़ रहेंगे कभी अब, 

तसल्ली ये दिल को दिलाने का मन है।।

झुका इश्क़ है कब ज़माने के आगे,

यही दम तो उसको दिखाने का मन है।।

भरोसा ‘सखी’ के वादों पे रखना,

किए तुझसे जो सब निभाने का मन है।।

अंजना सिन्हा ‘सखी’

रायगढ़

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