बस्ती 12 फरवरी जनपद के लगभग 700 से अधिक वादकारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण उनको होने वाली अपूर्णीय क्षति के संबंध में अवगत कराया है। उन्होंने त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने मांग किया है कि न्यायिक कार्यवाही में नियत तिथि पर हर हाल में नियत कार्यवाही करायी जाय। उन्होंने यह भी लिखा है कि न्यायिक कार्य से विरत रहने के प्रस्ताव से न्यायिक कार्य बाधित होने पर बचाने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। वादकारियों ने यह भी कहा है कि न्याय कार्य से विरत रहने के कारणो की विधि विशेषज्ञ की उच्च स्तरीय समिति से दंडित कराते हुए जुर्माने की राशि वादकारियों के हित में खर्च किए जाने की व्यवस्था की जाए।
वादकारियों में प्रमुख रूप से तहसील सदर के धर्मेंदर, रामगोपाल, राकेश कुमार, सुधांशु त्रिपाठी, उत्कर्ष शुक्ल, भूपेन्द्रमणि त्रिपाठी, मो. वासिफ, रासिद खान, विनोद कुमार, श्याम बिहारी, श्याम बिहारी, श्रीमती प्रभावती देवी, राकेश कुमार, विनोद, झिनकान, रामरतन, रितेश कुमार, विजय श्रीवास्तव, पुरूषोत्तम लाल श्रीवास्तव एवं संजय कुमार, हर्रैया के ईश्वर चन्द्र आजाद पाण्डेय, रामचन्द्र यादव, सोमई, रामकुमार, विनय कुमार, जोखू, भोला प्रसाद, राजित राम, रामप्रकाश, सहदेव एवं मनीराम, भानपुर के समीउल्लाह, दिनेश पाण्डेय, प्रमोद शर्मा, राजेन्द्र गुप्ता, कृष्णाचन्द्र यादव, भरत कुमार, रहमत अली, मीनू द्विवेदी, इन्द्रजीत एवं शम्भुनाथ उपाध्याय तथा रूधौली के मनउवर हुसेन, गिरधारी, रामवृक्ष राजभर, बाबूराम पल्टू, राजेश कुमार, रामबहादुर, रामलगन यादव, अब्दुल करीम, विरेन्द्र कुमार एवं रामकेश आदि है।