विकासखण्ड-अकबरपुर में विभिन्न विषयों पर आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर

अम्बेडकरनगर।उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2025-26 के अनुपालन में राम सुलीन सिंह, जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार 28.05.2025 को ड्वाकरा हाल, विकासखण्ड अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, उपभोक्ता अधिकार, एवं स्थायी लोक अदालत की जनोपयोगी सेवाओं के सम्बन्ध में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, राजेन्द्र कुमार तिवारी, खण्ड विकास अधिकारी, अकबरपुर, रमेश राम त्रिपाठी, चीफ, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, रामचन्द्र वर्मा, नामिका अधिवक्ता, शरद पाण्डेय, सहायक, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, जि०वि० से० प्रा० के कर्मचारी, पराविधिक रवय सेवक, एवं विकासखण्ड-अकबरपुर के कर्मचारीगण एवं आमजन द्वारा प्रतिभाग किया गया। भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित करते हुये बताया कि उस व्यक्ति को उपभोक्ता कहा जाता है जो वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और उपभोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये करता है। किसी व्यापारी द्वारा अनुचित तरीके से किये गये व्यापार से अगर उपभोक्ताओं को हानि पंहुचती है ऐसे में उपभोक्ताओं अदालत की व्यवस्था की गई है। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हेतु केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया गया है उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अंतर्गत जिला स्तर पर 01 करोड़ रू0 तक के मामले, राज्य स्तर पर 01 करोड़ रू0 से 10 करोड़ रू० तक एवं राष्ट्रीय स्तर पर 10 करोड़ रू से अधिक मूल्य के वादों की सुनवाई होती है। उपभोक्ताओं को खाद्य पदार्थों को आई०एस०आई० मार्क एवं एफ०सी०आर० प्रमाणक देखकर ही लिया जाना चाहिये वस्तु उपयोग की अंतिम तिथि का भी ध्यान देना चाहिये एवं उपयोग करने वाली वस्तु किन तत्वों से बनी है एवं क्या वे तत्व हानिकारक है अथवा नहीं इसका भी ध्यान अवश्य देना चाहिये।उपभोक्ताओं की शिकायतों के विषय में जानकरी हेतु उपभोक्ता हेल्पलाईन नं० 1800114000 तथा 1915 है। राजेन्द्र कुमार तिवारी, खण्ड विकास अधिकारी, अकबरपुर द्वारा शासन द्वारा आमजन के कल्याणार्थ संचालित जनोपयोगी एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के विषय में जानकारी प्रदान की गयी। रमेश राम त्रिपाठी, चीफ, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल द्वारा बताया गया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22बी के अंतर्गत स्थायी लोक अदालत का गठन प्रत्येक जनपद में किया गया है इसके अंतर्गत स्थायी लोक अदालत में यातायात सेवाओं से सम्बन्धित विवाद, डाकघर या टेलीफोन सेवाओं से सम्बन्धित विवाद, बिजली प्रकाश या जलसेवा से सम्बन्धित विवाद, लोक सफाई व स्वच्छता प्रणाली से सम्बन्धित विवाद, अस्पताल या औषधालय में सेवाओं से सम्बन्धित विवाद, बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं, शिक्षा एवं शिक्षण संस्थान, हाउसिंग एवं स्टेट से सम्बन्धित विवाद एवं बीमा सेवाओं से सम्बन्धित विवादों का निस्तारण सुलह-समझौता के आधार पर किया जाता है। स्थाई लोक अदालत के द्वारा निर्णय सिविल न्यायालय की डिकी की तरह होता है जो कि विवाद से सम्बन्धित पक्षकारों पर अनिवार्य रूप से लागू कराया जाता है और यह अवार्ड विवाद से सम्बन्धित पक्षकारों पर बाध्यकारी होता है। राम चन्द्र वर्मा, नामिका अधिवक्ता द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित निःशुल्क विधिक सहायता/सेवा योजनाओं की जानकारी दी गई तथा टोल फ्री नम्बर 15100 एवं एलएसएमएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के सम्बन्ध में भी बताया गया। शरद पाण्डेय, सहायक, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल द्वारा शिविर में उपस्थित लोगों को बताया गया कि यदि आनलाईन शापिंग में आपको खरीदे गये सामान की डिलिवरी नहीं की जाती है या आपको खराब सामान भेज दिया जाता है एवं जिसकी शिकायत करने के बाद भी कंपनी वाले आपकी शिकायत को अनदेखा कर आपको सही सामान उपलब्ध नहीं कराते, तो आपके पास विकल्प है कि आप उस कंपनी को अपने अधिवक्ता के माध्यम से एक कानूनी नोटिस भेजवा सकते हैं एवं उक्त नोटिस का जवाब प्राप्त नहीं होता है तो उस कम्पनी के विरुद्ध उपभोक्ता फोरन के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही शरद पाण्डेय द्वारा उपस्थित सभी को साइबर काइम एवं डिजीटल अरेस्ट के बारे में उससे बचाव तथा शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में भी बताया गया।