बाल विवाह पर हो सकती है 02 वर्ष की सजा के साथ 01 लाख का जुर्माना

बहराइच 28 अप्रैल। जिला प्रोबेशन अधिकारी विनोद राय ने बताया कि किसी भी बालिका जिसने अपनी आयु 18 वर्ष पूर्ण न की हो एवं किसी भी बालक/युवा जिसने अपनी आयु 21 वर्ष पूर्ण न की हो, का विवाह कराया जाना प्रतिबन्धित है। बाल विवाह प्रतिषेध अनिधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है तथा बाल विवाह में प्रतिभाग करने वाले व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्राविधान किया गया है। बाल विवाह प्रतिषेध अनिधिनियम 2006 के प्राविधानों के अन्तर्गत बाल विवाह करने वाले पुरूष वयस्क के लिए एवं बाल विवाह का अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए 02 वर्ष के कठोर कारावास अथवा 01 लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसके शारीरिक एवं मानसिक रूप से गम्भीर दुष्प्रभाव होते हैं।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि अक्षय तृतीया (आखा तीज) के अवसर पर बाल विवाह करने की रूढ़िवादी परम्परा समाज में प्रचलित है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 को पड़ रही है। बाल विवाह के रोकथाम हेतु बाल विवाह में सम्मिलित व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी। वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिन्टिंग प्रेस, टेन्ट व्यवसायी, मैरिज हॉल, बैण्ड वाजा, कैटर्स, फोटोग्राफर, पुरोहित/मोलवी इत्यादि व्यक्तियों एवं संस्थाओं से भी अपेक्षा की गयी है कि वैवाहिक आयोजन कराने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि वधू की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने आमजन से अपील की है कि बाल विवाह से सम्बन्धित कोई प्रकरण संज्ञान में आता है तो तत्काल 112, 181, 1098, 1090 नम्बर या स्थानीय पुलिस स्टेशन/चौकी को सूचित कर दें, जिससे बाल विवाह को रोका जा सके।

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