बस्ती – जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सांख्यिकीय आंकड़ों के संग्रहण हेतु जनपद के विभागीय अधिकारियों, उद्यमियों व कारखाना संचालकों, व्यापार मंडल के पदाधिकारियों, ग्राम प्रधान के साथ सेंसटाइजेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि मा. मुख्यमंत्री द्वारा आगामी 05 वर्षो में प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थ व्यवस्था बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान समय में देश में प्रदेश का अर्थ व्यवस्था के मामले में तीसरा स्थान है, इसमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि इसके लिए उत्पादन सेवा क्षेत्र में उपलब्ध आंकड़ों का सही-सही संकलन आवश्यक है। विभागीय अधिकारी इसको गम्भीरता से लें तथा सही आंकड़ा उपलब्ध करावें। इससे प्रदेश स्तर पर नीति निर्धारण में मद्द मिलती है। उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा, एनआरएलएम, कृषि क्षेत्र में एफपीओ तथा सर्विस सेण्टर के संबंध में सर्वे किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा इन्वेस्टर समिट 2023 आयोजित करके प्रदेश के प्रत्येक जिलों में उद्योग की स्थापना के लिए उचित वातावरण सृजित किया जा रहा है। इसके अलावा प्रत्येक जनपद में एक जनपद एक उत्पाद योजना लागू करके वहॉ के महत्वपूर्ण उत्पाद को राष्ट्रीय एंव अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश कुमार प्रजापति ने कहा कि सभी उद्योंगों का पंजीकरण आवश्यक है। इससे जहॉ एक ओर उद्योगांे की स्थापना की सही जानकारी मिलेंगी, वहीं दूसरी ओर उपलब्ध कराये गये रोजगार की सूचना भी मिल सकेंगी। उन्होने कहा कि सर्वे के आधार पर प्राप्त रिपोर्ट से अवस्थापना संबंधी सुविधा, सड़क, बिजली, पानी प्रदान की जाती है।
उप निदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अली अंसारी ने बताया कि प्रदेश की अर्थ व्यवस्था वर्तमान समय में एक ट्रिलियन डालर के सापेक्ष मात्र 25 प्रतिशत ही है। अगले 05 वर्षो में हमे एक ट्रिलियन डालर अर्थ व्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करना है। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकी निदेशालय द्वारा एएसयूएसई, एएसआई, आईआईपी, पीएलएफएस, एनएसएस सहित कुल 10 प्रकार के सर्वेक्षण किए जाते है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य योजनाओं का निर्माण है। इन आंकड़ों का अनयत्र उपयोग नही किया जाता है।
वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी संदीप आन्नद पाल ने बताया कि दुकान एवं स्थापना अधिनियम, भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860, सहकारी समिति अधिनियम 1912 के अन्तर्गत पंजीकृत उद्यमों के बारे में जानकारी एकत्र की जाती है। वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी सनी सोनी ने बताया कि एएसयूएसई के अन्तर्गत फैक्ट्री अधिनियम 1948, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, व्यापारिक प्रतिष्ठान एवं अन्य सेवा क्षेत्र के प्रतिष्ठान का सर्वे किया जाता है।
कार्यशाला का संचालन अर्थ एवं संख्याधिकारी मु0 सादुल्ला ने किया। कार्यशाला में एसीएमओ फखरेयार हुसैन, डीसी मनरेगा संजय शर्मा, लीड बैंक मैनेजर पी.एन. मौर्या, चेम्बर आफ इंडस्ट्री के महासचिव एच.सी शुक्ला, अनिल सिंह रैकवार, एएमए विकास मिश्रा, अधिशासी अभियन्ता विद्युत महेन्द्र मिश्रा, उपायुक्त उद्योग हरेन्द्र प्रताप, खण्ड विकास अधिकारीगण, उद्यमीगण तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।